पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सरकार को बताया कर्मचारी विरोधी
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सरकार को बताया कर्मचारी विरोधी
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देहरादून : कोरोना काल में सम्पूर्ण लॉक डाउन लगने के कारण सभी काम ठप्प पड़ गए है | अब जब लॉक डाउन खुल गया है तो सभी लोग कमा पर जाने लगे है ऐसे में यह बात सामने आयी है की शासन के आदेश के बाव भी  विभागों में प्रमोशन लटकाए जाने की मंशा के विरुद्ध  अभियान चला रही राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद बेहद हैरान है। इसके कारण ही  प्रमोशन की राह में वे अड़ंगे हैं, जिसकी वजह से बहुत से कर्मचारी बिना  प्रमोशन के ही रिटायर हो गए है । वहीं परिषद मामले अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी को बताये जा रहे है। साथ ही परिषद का कहना है कि कुछ विभागों में सेवा नियमावली तक नहीं बनाई गयी  है। इसके अलावा कहीं प्रमोशन के बड़ा भी  कर्मचारियों को इसका फायदा नहीं मिलता है तो उनकी तैनाती ही लटका दी जाती है । इसलिए निर्धारित किया गया है कि ये सभी  मामले शासन के संज्ञान में लाए जा सकते है ।

ट्रेनिंग की व्यवस्था नहीं, बगैर ट्रेनिंग प्रमोशन नहीं
स्वास्थ्य विभाग में एएनएम संवर्ग की पदोन्नति यूँ भी नहीं हो सकती ही क्योकि इसमें छह महीने की ट्रेनिंग की शर्त रखी गयी है। उत्तर प्रदेश के समय यह ट्रेनिंग होती थी। इसके साथ ही राज्य गठन के बाद राज्य में ट्रेनिंग की कोई व्यवस्था नहीं की गई है । परिषद की नेता गुड्डी मटूडा का कहना है कि प्रशिक्षण की अनिवार्य अर्हता न होने से एएनएम प्रमोशन से वंचित हैं। वहीं सरकार को केंद्र से छूट लेनी चाहिए ताकि उनके प्रमोशन हो सकें।

सेवा नियमावली ही नहीं तो प्रमोशन कैसे होंगे
यह मामला नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग का ही  है। वहीं यहां चार साल से कार्यालय और फील्ड स्टाफ को प्रमोशन नहीं मिला पाया  है। इसके अलावा  परिषद के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर प्रहलाद सिंह का कहना है कि यह जानकार उन्हें आश्चर्य हुआ  कि राज्य गठन के 20 साल बाद भी विभाग ने सेवा नियमावली नहीं है। 

सरकार कर्मचारियों का कर रही उत्पीड़न : रावत
बता दें की पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य सरकार को कर्मचारी विरोधी कहते हुए सरकार पर कई गंभीर सवाल उठाये हैं। साथ ही पूर्व सीएम ने प्रदेश सरकार द्वारा बैकलॉग भरने के आदेश का भी स्वागत किया है। वहीं रविवार को शिवलालपुर चुंगी के पास स्थित एक बैंक्वेट हॉल में कार्यकर्ताओं ने हरीश रावत का स्वागत किया था । साथ ही रावत ने कहा कि राज्य सरकार राज्य कर्मचारियों का उत्पीड़न कर रही है। इसके अलावा कर्मचारी संगठनों के कार्यक्रम में पहुंचने के बाद उन्होंने कर्मचारियों से सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में बात की थी , जिस पर पता चला कि सरकार बार-बार  कर्मचारियों का उत्पीड़न कर रही है। उन्होंने बताया है कि राज्य कर्मचारी सरकार के अकाउंट  में अपना 1 दिन का वेतन देना चाहते हैं। तो वहीं सरकार कर्मचारियों से हर माह वेतन देने की बात कर रही है। हरीश रावत ने कहा कि सरकार ने एक छलनी लगा दी है, जिसमें स्पष्ट है कि जो बीजेपी को चंदा नहीं देगा उसे 50 साल बाद नौकरी से हटा दिया जाएगा| इसके साथ ही कहा कि अक्षम कर्मचारियों पर हमेशा कार्रवाई होती है, परन्तु  सरकार द्वारा बार-बार  कर्मचारी विरोधी कदम उठाए जाते हैं, जिससे कर्मचारी भी बहुत परेशान है। हरीश रावत ने सरकार पर यह भी आरोप लगाया है कि सरकार की ओर से सातवां वेतन आयोग भी ठीक तरीके से नहीं दिया जाता है और न ही इसे लागू किया गया है। कहा कि कर्मचारियों के प्रमोशन में भी डील बरती जा रही है| जानकारी के लिए बता दें की पूर्व सीएम रावत ने कहा कि वर्तमान सरकार की ओर से कर्मचारियों का अप्रत्यक्ष रूप से उत्पीड़न किया जा रहा है, जो प्रदेश के हित में ठीक नहीं है। इस दौरान जागेश्वर विधायक एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल, ज्येष्ठ ब्लाक प्रमुख संजय नेगी, गोपाल सिंह अधिकारी, महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष आशा बिष्ट, हेमचंद भट्ट, कुलदीप शर्मा, ताईफ खान, इमरान खान आदि मौजूद रहे।

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