नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुंबई की एक कोर्ट में पंजाब नेशनल बैंक को करोड़ों रुपये की चपत लगाने वाले हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ जवाबी हलफनामा दायर किया है। जिसमें उसने लिखा है, 'मेडिकल कारण और अदालत को भ्रमित करके कानूनी कार्रवाई में देरी करने के लिए स्पष्ट तौर पर परिस्थितियां बनाई गई हैं।'
ईडी ने अपने जवाब में कहा है कि मेहुल चोकसी को जांच में शामिल होने के कई अवसर दिए गए, किन्तु वह पूछताछ में टाल-मटोल करता रहा। चोकसी ने दावा किया है कि उसकी 6129 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त कर लिया गया है, जो कि सरासर गलत है क्योंकि जांच के दौरान ईडी ने मात्र 2100 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त किया है। ईडी ने मुंबई की अदालत को बताया है कि वह एंटीगुआ से चोकसी को भारत लाने के लिए एयर एंबुलेंस देने के लिए भी राजी है जिसमें मेडिकल विशेषज्ञ भी मौजूद होंगे। इसके अतिरिक्त वह उसे भारत में सभी जरूरी उपचार व्यवस्थाएं प्रदान करेगा।
ईडी ने अपने हलफनामे में कहा है कि, 'मेहुल चौकसी ने जांच में कभी सहयोग नहीं किया। उसके विरुद्ध गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है। इंटरपोल ने भी मेहुल चौकसी के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी कर दिया है। उसने वापस आने से इंकार कर दिया है। इसलिए वह फरार और भगोड़ा है।'
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