लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के एलान के चौथे चरण में शनिवार को कोयला क्षेत्र एवं खनन को लेकर कई अहम घोषणाएं की. उन्होंने कहा कि कोयला क्षेत्र में सरकार के एकाधिकार को समाप्त किया जाएगा. उन्होंने कहा कि लगभग 50 नए ब्लॉक खनन के लिए नीलामी पर उपलब्ध कराए जाएंगे. इसके लिए नियमों में ढील दी जाएगी. उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अब निजी क्षेत्र को प्रति टन निर्धारित शुल्क के हिसाब से कॉमर्शियल लाइसेंस नहीं दिया जाएगा. वित्त मंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र को कोयले का कॉमर्शियल उत्खनन करने के लाइसेंस राजस्व में हिस्सेदारी (रेवेन्यू शेयरिंग) की व्यवस्था के तहत दिए जाएंगे.
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अपने बयान में वित्त मंत्री ने कहा कि कोयले के आयात में कमी लाने और कोयला उत्पादन के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है. सीतारमण ने कहा कि कोयला को खान क्षेत्र से बाहर पहुंचाने के बुनियादी ढांचे का विकास करने के लिए सरकार 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि वित्त मंत्री ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह भी कहा कि खनिजों के उत्खनन में निजी निवेश को बढ़ाया जाएगा. सरकार खनिज क्षेत्र को लेकर एक्सप्लोरेशन माइनिंग प्रॉडक्शन सिस्टम लाएगी. सीतारमण ने कहा कि नई व्यवस्था के तहत 500 माइनिंग ब्लॉक्स उपलब्ध कराए जाएंगे. वित्त मंत्री के मुताबिक इसमें भी 50,000 करोड़ का खर्च इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास पर होगा. उन्होंने बॉक्साइट और कोयला के एकसाथ नीलामी की बात भी संवाददाताओं से कही.
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