शुक्रवार को न्यायमूर्ति डॉ डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अर्णब गोस्वामी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई पूरी कर दी है. यह याचिका देश के विभिन्न हिस्सों में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को चुनौती देती थी. अर्नब के लिए मुकुल रोहतगी पेश हुए. महाराष्ट्र के लिए कपिल सिब्बल, छत्तीसगढ़ के लिए विवेक तनखा, राजस्थान के लिए मनीष सिंघवी समेत कुल 8 वकील जिरह के लिए मौजूद रहे. सुनवाई शुरू होते ही जज ने पूछा कि एक नए मामले के लिए इतने वकील क्यों आए हैं.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अर्णब गोस्वामी को अग्रिम जमानत अर्ज़ी दाखिल करने के लिए 3 हफ्ते का समय दिया गया. यानी तब तक गिरफ्तारी पर रोक लगी रहेगी. कोर्ट ने मुंबई पुलिस कमिश्नर को रिपब्लिक टीवी के दफ्तर को सुरक्षा देने के लिए भी कहा है. साथ ही, अर्णब के वकील ने कहा, नागपुर में दर्ज FIR को मुंबई ट्रांसफर किया जाए. अर्नब पर हुए हमले की भी साथ में जांच की जाए. हमारे दफ्तर को भी सुरक्षा दी जाए.
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इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि हम सभी FIR में किसी भी तरह की कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगा देते हैं. तब तक याचिकाकर्ता अपनी अर्ज़ी में संशोधन करें. सभी FIR को एक साथ जोड़ें. फिर आगे सुनवाई करेंगे. एक ही मामले की जांच कई जगह नहीं हो सकती. वही, छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से पेश होने वाले वकील विवेक तन्खा ने अर्णब गोस्वामी पर इस तरह के बयान देने पर रोक लगाने की मांग की है. चंद्रचूड़ ने कहा, मीडिया पर कोई अंकुश नहीं होना चाहिए. मैं मीडिया पर किसी भी तरह की पाबंदी लगाने का विरोधी हूं.
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