'मां पर गंगाजल छिड़का गीता पढ़ी और मुक्ति दे दी,' 77 पेज के सुसाइड नोट में चौकाने वाले खुलासे
'मां पर गंगाजल छिड़का गीता पढ़ी और मुक्ति दे दी,' 77 पेज के सुसाइड नोट में चौकाने वाले खुलासे
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दिल्ली के बुद्धविहार इलाके में मां की हत्या के बाद बेटे के सुसाइड करने के मामले में चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। जी दरअसल इस मामले में पुलिस ने एक दिन पहले मौके से 77 पेज का सुसाइड नोट बरामद किया था, और उस नोट को पढ़ने के बाद पुलिस अफसर भी दंग रह गए। बताया जा रहा है मां की हत्या करने वाले बेटे ने मरने से पहले पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार जिक्र किया है। जी हाँ, इसी के साथ उसने ये भी बताया है कि मां की 1 सितंबर को हत्या कर दी थी। करीब 2 दिन उसने लाश के साथ ही बिताए हैं और मां को बीमारी से मुक्ति दे दी है और अब वह सुसाइड कर रहा है।

आपको यह भी बता दें कि दिल्ली के बुद्धविहार इलाके के रोहिणी सेक्टर 24 स्थित एक फ्लैट पर अनहोनी की सूचना पर बीते रविवार शाम को पुलिस पहुंची थी। यहाँ दरवाजे तोड़कर अंदर देखा तो बेड पर क्षितिज उर्फ सोनू (25 साल) की खून से लहूलुहान लाश पड़ी थी। जबकि बाथरूम में क्षितिज की मां मिथिलेश का पूरी तरह गल चुका शव बरामद किया था। वहीँ मौके से सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें क्षितिज ने खुद का गला काटने का जिक्र किया था। उसके बाद बीते सोमवार को पुलिस ने इस मामले में जांच आगे बढ़ाई और 77 पेज के सुसाइड नोट को पढ़ा तो हैरान रह गए। इस नोट में कई चौंकाने वाली बातों के बारे में लिखा गया था। जी दरअसल सुसाइड नोट के मुताबिक, क्षितिज ने अपनी मां मिथिलेश की हत्या 1 सितंबर को कर दी थी और दो दिन तक वो मां की लाश के साथ रहा था।

उसके बाद खुद की जान की थी। सुसाइड नोट में मां की हत्या करने के बाद दो दिन तक उसने घर में क्या-क्या किया, उसका भी जिक्र किया गया है। इस के साथ क्षितिज ने लिखा है कि उसका कोई दोस्त नहीं था। पिता की मौत के बाद आर्थिक तंगी थी। मां बीमार रहने लगी थीं। खुद वो बीमार रहने लगा था। इलाज करवाने के लिए पैसे नहीं थे। वह मां को बीमारी वाले शरीर से मुक्ति दिलाना चाहता था। गुरुवार (1 सितंबर) को उसने घर में रखे वायर से मां का गला दबाया, उसके बाद नुकीले कटर से गला काटकर हत्या कर दी।

वह मां की लाश के साथ दो दिन तक घर में रहा। हत्या के कुछ घंटे बाद लाश से बदबू आने लगी तो गंगा जल छिड़का। फिर लाश के पास बैठकर भागवत गीता का पाठ करना शुरू किया। नोट में आगे क्षितिज ने लिखा- भागवत गीता का पाठ पूरा नहीं कर पाया, क्योंकि लाश से बदबू आ रही थी। बदबू हटाने के लिए डिओड्रेन छिड़का। इसके अलावा क्षितिज ने आर्थिक तंगी के बारे में भी लिखा है। इस मामले में पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, सुसाइड नोट पढ़ने से ऐसा लगता है कि क्षितिज काफी अकेला हो चुका था। वह एक तरह से साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर का शिकार हो चुका था और अपने हालातों की वजह से डिप्रेशन में चला गया था।

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