सैकड़ों करोड़ के लोन घोटाले में चंदा और दीपक कोचर को कोर्ट ने किया रिहा, CBI ने किया था अरेस्ट
सैकड़ों करोड़ के लोन घोटाले में चंदा और दीपक कोचर को कोर्ट ने किया रिहा, CBI ने किया था अरेस्ट
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मुंबई: बॉम्बे उच्च न्यायालय ने आज सोमवार (9 जनवरी) को ICICI बैंक की पूर्व CEO चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को करोड़ों के लोन फ्रॉड मामले में बड़ी राहत प्रदान की है। अदालत का कहना है कि दोनों की गिरफ्तारी कानून के मुताबिक नहीं थी। दोनों ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था। बता दें कि, CBI ने चंदा और दीपक दोनों को 23 दिसंबर को अरेस्ट किया था। इसके बाद इस लोन फ्रॉड में शामिल वीडियोकॉन ग्रुप के फाउंडर वेणुगोपाल धूत को 26 दिसंबर को अरेस्ट कर लिया गया। तीनों को 10 जनवरी तक 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।

कोचर दंपती की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पीके चव्हाण की पीठ ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर (CrPC) के सेक्शन 14A का उल्लंघन करते हुए की गई है। इस सेक्शन में कहा गया है कि पुलिस अधिकारी को गिरफ्तारी से पहले एक नोटिस भेजना चाहिए। जिसके बाद उच्च न्यायालय ने एक-एक लाख रुपए की जमानत राशि पर दोनों को रिहा करने का आदेश दिया।

क्या है पूरा मामला:-

चंदा कोचर के वक़्त ICICI बैंक ने वीडियोकॉन को 3250 करोड़ रुपए का लोन दिया था, जो बाद में नॉन परफॉर्मिंग एसेट (NPA) हो गए। NPA को सामान्य भाषा में कहें, तो ये पैसे डूब गए। ICICI बैंक ने 2009 से 012 तक वीडियोकॉन ग्रुप को 3250 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था। इसमें से 86 फीसद (लगभग 2810 करोड़ रुपए) ऋण वीडियोकॉन ने नहीं चुकाए। इसके बाद वर्ष 2017 में इस लोन को ICICI बैंक ने NPA खाते में डाल दिया। उस वक़्त ICICI बैंक की चीफ चंदा कोचर थीं। 

आरोप है कि चंदा कोचर ने वीडियोकॉन को यह लोन इस शर्त पर दिया था कि वीडियोकॉन, चंदा के पति दीपक कोचर की कंपनी में पैसे लगाएगी। वीडियोकॉन ग्रुप के पूर्व अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत ने कोचर की कंपनी नूपावर रिन्यूएबल में लोन के पैसे से करोड़ों रुपए लगाए थे।वीडियोकॉन को लोन की स्वीकृति देने वाली कमिटी में चंदा कोचर खुद शामिल थीं। बाद में यह मामला सामने आया, तो हंगामा मच गया। CBI ने 24 जनवरी 2019 को प्राथमिकी दर्ज की और उसमें चंदा, उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन के वेणुगोपाल धूत को आरोपित बनाया।

दरअसल, यह मामला उस समय सामने आया, जब ICICI Bank और वीडियोकॉन के शेयर होल्डर अरविंद गुप्ता ने फ्रॉड का इल्जाम लगाया था। अरविंद गुप्ता ने वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री, RBI और SEBI को पत्र लिखते हुए वीडियोकॉन के MD धूत और ICICI Bank की सीईओ चंदा कोचर पर एक-दूसरे को फायदा पहुँचाने का आरोप लगाया था।

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