नई दिल्लीः केंद्र सरकार धूम्रपान के उत्पादों पर सख्ती बरत रही है। बजट में इन उत्पादों पर टैक्स वृद्धि के बाद सरकार अन्या विकल्पों पर भी गौर कर रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के 100 दिन के एजेंडे में धूम्रपान के वैकल्पिक उपकरणों जैसे ई-सिगरेट, हीट-नॉट-बर्न डिवाइस, वेप और ई-निकोटिन स्वाद वाले हुक्कों पर पाबंदी लगाना है। स्वास्थ्य मंत्रालय ईएनडीएस डिवाइस के निर्माण, बिक्री, वितरण और आयात पर प्रतिबंध लगाने के लिए हरकत में आया है।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने सभी राज्य सरकारों के औषधि नियंत्रकों को पत्र लिख कर कहा है कि वे ईएनडीएस की बिक्री, निर्माण, वितरण, व्यापार, आयात अथवा विज्ञापन करने की अनुमति नहीं दें। दिल्ली हाईकोर्ट की एकल पीठ ने इसी साल मार्च में केंद्र सरकार के सर्कुलर पर अंतरिम रोक लगा दी थी और कहा था कि ये उत्पाद मादक पदार्थ नहीं हैं और इस प्रकार का आदेश जारी करने का अधिकार अधिकारियों को नहीं है। इसलिए स्वास्थ्य मंत्रालय कानूनी राय ले रही है।
अगर सरकार अध्यादेश लाती है तो संसद के अगले सत्र में एक विधेयक लाकर इसे कानून की शक्ल दिया जाएगा। एक बार संसद से विधेयक के पारित होने पर ऐसे उत्पादों पर प्रस्तावित पाबंदी को कानूनी शक्ति मिल जाएगी। रिसर्च संस्था इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने ईएनडीएस पर पूर्ण प्रतिबंध की सिफारिश की थी। उसका कहना है कि यह धूम्रपान न करने वाले लोगों में भी निकोटिन की आदत डाल सकता है। उसका कहना है कि ई-सिगरेट हृदय प्रणाली पर प्रतिकूल असर डालती है। देश में धूम्रपान जनित बीमारियों से ग्रसित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है।
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