भारत के राज्य पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार को चीन की तरफ से कूटनीतिक प्रयासों का समर्थन नहीं किए जाने की सूरत में इस पड़ोसी देश के साथ लगातार उठ रहे सरहदी मसले पर कठोर कदम उठाने की अपील की है. शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘यह मसला बातचीत और राजनयिक प्रयासों के साथ सुलझाने की जरूरत है लेकिन हम सरहद पर चीन की गतिविधियों के साथ पैदा हो रहे खतरे की तरफ पीठ नहीं कर सकते.’
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अपने बयान में कैप्टन ने कहा कि प्रभुसत्ता संपन्न दोनों देशों को इस समस्या का हल कूटनीतिक स्तर पर करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि भारत जंग नहीं चाहता लेकिन हम चीन की तरफ से इस तरह परेशान किए जाने को भी स्वीकार नहीं करेंगे. हम शांति चाहते हैं लेकिन वह हमें इस तरह परेशान भी नहीं कर सकते.’
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इसके अलावा सीएम ने कहा कि चीन को भारतीय क्षेत्र से बाहर धकेलना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि इस खतरे का मुकाबला नहीं किया जाता तो चीनी भविष्य में अधिक जमीन मांगेंगे, जो किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं. डोकलाम घटना का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि चीन की तरफ से ऐसे भड़काने वाले कदम आम हैं और चीन ने अक्साईचिन में भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था और उसकी तरफ से ऐसे कदमों का सहारा ही अरुणचाल प्रदेश में लिया जा रहा है. वही, मुख्यमंत्री ने कहा कि चीन की तरफ से उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में भी भारतीय जमीन पर बीते समय में अपना दावा जताने के प्रयास किए जाते रहे हैं. चीन को उस भारतीय क्षेत्र को छोड़ देना चाहिए जिसमें वह अब आ गए हैं और जिस पर उनका कोई हक नहीं. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चेतावनी दी कि 1962 के मुकाबले भारतीय सुरक्षा सेनाएं अब कहीं अधिक आधुनिक हैं और बढ़िया हथियारों से लैस हैं और चीन हमें हलके में नहीं ले सकता.
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