नई दिल्ली: इंडियन आर्मी के जवानों के पास पहनने के लिए स्नो गॉगल्स और मल्टीपर्पज जूते मौजूद नहीं हैं. उनके पास सियाचिन और लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले इलाके में आवश्यक भोजन भी उपलब्ध नहीं है. इन इलाकों में बेहद ठंड की वजह से जवानों को कई किस्म की बीमारियों का सामना करना पड़ता है. कैग की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है.
सूत्रों के अनुसार, कैग की रिपोर्ट (यूनियन गवर्नमेंट-डिफेंस सर्विसेज, आर्मी) में बताया गया है कि ऊंचाई वाले क्षेत्र में सेना के जवानों को भोजन की जितनी दैनिक मात्रा की आवश्यकता होती है, उतनी उन्हें नहीं मिलती है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सैनिकों की कैलोरी इनटेक से भी समझौता किया गया है. कैग रिपोर्ट राज्यसभा के पटल पर रखी गई, किन्तु इसे लोकसभा में नहीं रखा जा सका, इसलिए नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक राजीव महर्षि रिपोर्ट जारी नहीं कर पाए.
हालांकि, राज्यसभा के सूत्रों ने दावा किया कि ऑडिट ऊंचाई वाले इलाकों में इंडियन आर्मी की स्थिति को उजागर करती है. स्नो गॉगल्स की कमी 62 प्रतिशत से 98 प्रतिशत है, जिससे जवानों का चेहरा और आंखें ऊंचाई वाले केषत्रों में खराब मौसम में बिना ढकी रहती हैं.इससे भी बुरी बात यह है कि जवानों को पुराने मल्टीपर्पज जूतों का उपयोग करना पड़ता है. सूत्रों ने बताया है कि स्थिति बहुत निराशाजनक है.
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