नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में 2018 में एक पुलिस अधिकारी की हत्या करने वाली भीड़ की अगुवाई करने वाले बजरंग दल के एक नेता से संबंधित मामले में बड़ा फैसला किया है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य आरोपी योगेशराज (Yogeshraj) को जमानत देने के आदेश पर रोक लगा दी है.
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि मामला बेहद गंभीर है, क्योंकि गोहत्या के बहाने एक पुलिस अधिकारी को पीट-पीट कर मार डाला गया था. अदालत ने योगेशराज को सात दिन की अवधि के दौरान ट्रायल कोर्ट के समक्ष सरेंडर करने का निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने बुलंदशहर की लोअर कोर्ट से मामले की स्थिति और सभी आरोपियों के खिलाफ आरोपों पर रिपोर्ट भेजने के लिए कहा है.
बता दें कि योगेशराज सितंबर 2019 से जमानत पर बाहर था. 2018 में, लोगों की भीड़ के हमले में मारे गए पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पत्नी रजनी सिंह (Rajni Singh) ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी. इस मामले को लेकर उस समय बहुत विवाद हुआ था और राज्य सरकार पर सवाल भी उठे थे.
दक्षिण अफ्रीका: संसद में आरोपित संदिग्ध अदालत में पेश होगा
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण AICF ने स्थगित की शतरंज की प्रतियोगिता
ओमीक्रॉन संस्करण के कारण अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शेड्यूल किया गया