बॉम्बे हाईकोर्ट ने जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson and Johnson) प्राइवेट लिमिटेड को महाराष्ट्र के मुलुंड प्लांट में बेबी पाउडर बनाने की अनुमति जारी कर दी है। आपको बता दें कि इसमें एक शर्त और भी जोड़ी गई है और वह शर्त यह है कि कंपनी अपने रिस्क पर पाउडर बनाए। केवल यही नहीं बल्कि कंपनी को पाउडर बनाने की अनुमति मिलने के साथ ही प्रोडक्ट की बिक्री पर रोक लग गई है। जी हाँ, ऐसा कहा गया है प्रोडक्ट की न बिक्री होगी और न ही डिस्ट्रिब्यूशन। आपको बता दें कि ऐसा इसलिए क्योंकि महाराष्ट्र के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने बिक्री और वितरण पर रोक लगा रखी है।
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कुछ समय पहले ही एफडीए ने जॉनसन एंड जॉनसन प्लांट के बेबी पाउडर बनाने के लाइसेंस को रद्द कर दिया था। केवल यही नहीं बल्कि इसी के साथ कंपनी को प्रोडक्ट बाजार से वापस लेने का आदेश दिया था। आपको बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने बेबी पाउडर बनाने की इजाजत देने के साथ उसके सैंपल की जांच का आदेश दिया।
हालाँकि अब दो हफ्ते के अंदर बेबी पाउडर के नमूनों की दोबारा जांच पूरी की जाएगी और कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एफडीए पाउडर का सैंपल ले और उसे दो सरकारी लेबोरेटरी और एक प्राइवेट लैब में री-टेस्टिंग के लिए भेजे। दूसरी तरफ महाराष्ट्र सरकार ने जनहित का हवाला देते हुए Johnson and Johnson के बेबी पाउडर पर रोक लगा दी थी। जी हाँ क्योंकि कंपनी के मुलुंड प्लांट से बेबी पाउडर से लिए सैंपल को ‘स्टैंडर्ड क्वालिटी’ का नहीं पाया गया था।
क्या है पूरा मामला- आपको बता दें कि दिसंबर साल 2018 में एफडीए ने एक औचक निरीक्षण किया था। इसमें जॉनसन एंड जॉनसन के पुणे और नासिक प्लांट में क्वालिटी चेकिंग की गई। वहीं मुलुंड प्लांट से लिए गए बेबी पाउडर के सैंपल को स्टैंडर्ड क्वालिटी का नहीं पाया गया। उसके बाद साल 2019 में इस टेस्टिंग पर फैसला आया जिसमें कहा गया कि बच्चों के लिए यह स्किन पाउडर आईएस 5339:2004 के नियमों के मुताबिक नहीं है। जी हाँ और इसके बाद ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के अंतर्गत कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।
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