नई दिल्ली : 12 दिन की विपश्यना के बाद लौटे दिल्ली के सीएम केजरीवाल के स्वभाव में अंतर नजर आ रहा है. जब से आये हैं तब से अपने एक भी बयान या भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम नहीं लिया है. केजरीवाल के इस रवैये से बीजेपी हैरान-परेशान है. दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने एक ट्वीट में लिखकर पूछ ही लिया कि पिछले दो दिनों से दिल्ली के मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जी का नाम नहीं लिया? यह विपश्यना का असर है या आप विधायक के घर मिले 130 करोड़ के कालेधन का. वैसे हैरान और भी लोग हैं क्योंकि केजरीवाल के भाषण में भी ये बात नजर आई.
दरअसल, बात यह है कि दिल्ली के बीजेपी नेताओं को सीएम केजरीवाल के मुंह से मोदी का नाम सुनने की आदत हो गई है. अगर केजरीवाल पीएम मोदी को ना कोसें, तो वो परेशान होने लगते हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 12 दिन बाद विपश्यना से लौटे हैं. तब से अपने एक भी बयान या भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम नहीं लिया है.
इस खटकने वाली बात पर दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय इतने हैरान-परेशान हैं कि उन्होंने सवाल ही पूछ लिया, आखिर जो केजरीवाल बात-बात पर मोदी को कोसते थे, हर बात के लिए मोदी को जिम्मेदार ठहराते थे, आखिर वो मोदी का नाम क्यों नहीं ले रहे हैं. इस सन्दर्भ में अश्विनी उपाध्याय ने अपने एक ट्वीट में लिखा है, 'पिछले दो दिनों से दिल्ली के मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जी का नाम नहीं लिया? यह विपश्यना का असर है या आप विधायक के घर मिले 130 करोड़ के कालेधन का.
गौरतलब है कि विपश्यना से लौटने के बाद नजफगढ़ में एक कार्यक्रम में पहुंचे केजरीवाल का शनिवार को पहला सार्वजनिक कार्यक्रम था. इस कार्यक्रम में उन्होंने जोरदार भाषण भी दिया, लेकिन अपने करीब 20 मिनट के भाषण में एक बार भी मोदी का नाम नहीं लिया. हालाँकि उनका तेवर और अंदाज वही था. उन्होंने इशारे-इशारे में कहा भी कि दिल्ली में काम करना उनकी सरकार के लिए आसान नहीं है, क्योंकि ऊपर बड़े-बड़े गुंडे बैठे हैं, लेकिन किसी का नाम नहीं लिया. डीडीए के बहाने केंद्र सरकार पर निशाना भी साधा.