नई दिल्ली : केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने एक बार फिर साहित्यकारों द्वारा उनके पुरस्कार लौटाए जाने को लेकर कहा कि देश में अशांति का माहौल नहीं है। देश में शांति छाई हुई है। असहनशीलता का माहौल तो कहीं नज़र नहीं आ रहा है। आखिर कहां है असहनशीलता। उन्होंने कहा कि देश न तो कभी असहनशील था और न ही कभी असहनशील होगा। इस मामले में उन्होंने कहा कि कांग्रेस और दूसरे दलों के राज्यों में जिस तरह की घटनाऐं घट रही हैं इनके लिए केंद्र सरकार को दोषी किसलिए ठहराया जा रहा है।
संवाददाताओं ने उसने सवाल करते हुए कहा कि शाहरूख खान ने भी असहनशीलता न होने की बात कही तो उन्होंने कहा कि आखिर असहनशीलता कहां है। असहनशीलता नहीं होना चाहिए। ऐसा यदि कोई व्यक्ति कहता है तो फिर इसमें गलत क्या है। मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय वित्तमंत्री जेटली ने लेखकों, कवियों और दूसरे लोगों के सम्मान लौटाने पर फिर से कहा कि इस तरह से सम्मान लौटाने का कोई अर्थ नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस और अन्य दलों का कार्यकाल जिन राज्यों में चल रहा है वहां पर हिंसा और अराजक घटनाऐं हो रही हैं। इन सभी के लिए केंद्र सरकार को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि साहित्यकारों द्वारा अपने पुरस्कार लौटाए जाने के बाद अब विभिन्न क्षेत्रों के लोग देश में सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाए जाने के प्रयासों को लेकर विरोध करने में लगे हैं। लोकप्रिय फिल्म अभिनेता शाहरूख खान ने भी अपने जन्म दिवस पर लोगों से यह कहा था कि खाने के नाम पर धार्मिक भावनाऐं नहीं भड़काई जाना चाहिए।