बुधवार को एलोपैथी के बारे में आपत्तिजनक बयान देने के केस में दिल्ली उच्च न्यायालय ने योग गुरु रामदेव के विरुद्ध नोटिस जारी किया है। अदालत ने योग गुरु को 4 सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया है। साथ ही न्यायमूर्ति सी हरिशंकर ने स्पष्ट किया कि वह रामदेव के विरुद्ध वाद में आरोपों के गुण-दोष पर कोई राय जाहिर नहीं कर रहे तथा किसी तरह की राहत देने के बारे में पश्चात् में विचार किया जाएगा।
वही रामदेव के अतिरिक्त आचार्य बालकृष्ण एवं पंतजलि आयुर्वेद को भी मामले में समन जारी कर उत्तर देने को बोला गया है। कोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म गूगल, फेसबुक तथा ट्विटर को भी नोटिस जारी किये। वही जस्टिस हरिशंकर ने रामदेव के अधिवक्ता राजीव नायर से कहा, ‘मैंने वीडियो क्लिप (रामदेव के) देखे हैं। वीडियो क्लिप देखकर लगता है कि आपके मुवक्किल एलोपैथी इलाज नियमों पर उपहास कर रहे हैं। उन्होंने व्यक्तियों को स्टेरॉइड की सलाह देने और हॉस्पिटल जाने वाले व्यक्तियों तक का उपहास उड़ाया है। क्लिप देखकर यह निश्चित तौर पर वाद दर्ज करने का मामला है।’
वही सीनियर एडवोकेट नायर ने कहा कि उन्हें मामले में समन जारी होने पर कोई आपत्ति नहीं है, मगर उन्होंने आरोपों का विरोध किया। नायर ने कोर्ट से अपील की, ‘वाद के तीन हिस्से हैं। कोरोनिल, मानहानि तथा टीकाकरण के विरुद्ध असमंजस। कोर्ट सिर्फ मानहानि के मामले में ही नोटिस जारी कर सकती है।’ जस्टिस ने कहा, ‘मैं कोई आदेश जारी नहीं कर रहा। आप अपने लिखित बयान दाखिल कीजिए। कहिए कि कोई मामला नहीं बनता।’
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