चेन्नई: मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजीव बनर्जी और न्यायमूर्ति पीडी ऑडिकेसवालु की पहली पीठ ने मंगलवार को वन विभाग को कथित हत्यारे बाघ को जिंदा पकड़ने का आदेश दिया। नीलगिरी जिले के पहाड़ी उधगमंडलम में पिछले एक सप्ताह से छिपे हुए बाघ को पकड़ने के प्रयास जारी हैं, जिसमें कथित तौर पर चार लोगों और 12 मवेशियों की मौत हो गई है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने कहा, बाघ कोडित टी-23 को मारने की कोई योजना नहीं है।
इससे पहले, लोक अभियोजक पी मुथुकुमार ने न्यायाधीशों को बताया कि जानवर को मारने या अपंग करने की कोई योजना नहीं थी। मुदुमलाई क्षेत्र में जीवित जानवर को पकड़ने और उसके मनोविज्ञान और व्यवहार का अध्ययन करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि यह आकलन किया जा सके कि उपचार के भविष्य के पाठ्यक्रम को क्या अपनाया जा सकता है।
पीठ ने कहा कि 21 अक्टूबर को आगामी दशहरा अवकाश के बाद अदालत के दोबारा खुलने के तुरंत बाद पेश किए जा रहे मामले पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की जानी चाहिए। बाघ को बिल्ली तक पकडऩे के प्रयास जारी हैं, वहीं केरल के स्पेशल टास्क फोर्स के कुछ और हाथियों सहित करीब 100 वन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को एक सप्ताह से अधिक समय से यह पर्ची दी गई है।
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