नई दिल्ली: तीन तलाक रोधी विधेयक पर आज गुरुवार को संसद में चर्चा से पहले ही ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपना विरोध शुरू कर दिया है. उसके शागिर्दों ने विभिन्न राजनीतिक दलों से चर्चा करके संसद में इस विधेयक का समर्थन ना देने का आग्रह किया है. बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने कहा है कि तीन तलाक रोधी विधेयक को मुस्लिम समुदाय से चर्चा किए बगैर बनाया गया है, लिहाजा इसमें कई गम्भीर कमियां हैं. इसे वर्तमान स्वरूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
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उन्होंने कहा है कि पूरे मुस्लिम समुदाय पर बुरा प्रभाव डालने वाले इस विधेयक को पारित ना होने देने के लिए बोर्ड अपने प्रयास जारी रखे हुए है. इसी मामले में विभिन्न पार्टियों के प्रतिनिधियों से चर्चा हो रही है. संसद द्वारा कानून बनाया जाता है, कोई गलत कानून ना बने इसलिए संसद सदस्यों को उससे वाकिफ कराना हिन्दुस्तान के हर नागरिक की जिम्मेदारी है. मौलाना रहमानी का कहना है कि बोर्ड के प्रतिनिधियों की कई पार्टियों के नेताओं से इस सम्बन्ध में चर्चा हो चुकी है. आज कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात होने वाली है. हम संजीदा प्रयासों को छोड़ नहीं सकते. उन्होंने कहा है कि हमारे तर्कों पर पार्टियों का रुख सकारात्मक है.
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इसी बीच, बोर्ड के सचिव जफरयाब जीलानी ने कहा है कि बोर्ड ने पहले भी यह रवैया अपनाया था. हम अब भी सांसदों को इस विधेयक की कमियों और दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दे रहे हैं, ताकि इस बिल को पारित होने से रोका जा सके. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बंगाल, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सहित जहां भी धर्मनिरपेक्ष पार्टियों के नेता हैं, वहां-वहां बोर्ड के प्रतिनिधिमण्डलों ने उनसे चर्चा करके अपना पक्ष उनके समक्ष रखा है, जिसमे हमे सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है.
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