नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान धरने पर हैं. 38 दिन से कृषकों का धरना जारी है. देश की राजधानी दिल्ली की सरहदों पर किसान कड़ाके की ठंड में भी धरने पर बैठे हैं. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में भी यूपी गेट पर बड़ी संख्या में किसान जमे हैं. वे इस मांग पर अड़े हैं कि सरकार नया कानून रद्द करे. किसान नेताओं और सरकार के बीच वार्ता होनी है. सरकार के साथ होने वाली बैठक से पहले एक किसान ने शौचालय में फांसी लगाकर ख़ुदकुशी कर ली है.
जानकारी के अनुसार, नगर निगम की तरफ से लगवाए गए मोबाइल शौचालय में एक बुजुर्ग किसान ने ख़ुदकुशी कर ली. मृतक किसान का नाम कश्मीर सिंह है. 75 वर्षीय कश्मीर यूपी के रामपुर जिले की बिलासपुर तहसील इलाके के रहने वाले बताए जा रहे हैं. कश्मीर सिंह का सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है. अपने सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा है कि जहां उनकी मौत हुई है, वहीं उनका पोता अंतिम संस्कार करे. उनकी अंत्येष्टि दिल्ली-यूपी सीमा पर ही की जाए.
किसान कश्मीर ने अपनी ख़ुदकुशी के लिए सरकार को जिम्मेदार बताते हुए लिखा है कि आखिर हम कब तक यहां ठंड में बैठे रहेंगे. सरकार को नाकाम बताते हुए किसान ने कहा है कि यह सरकार सुन नहीं रही है, इसलिए अपनी जान देकर जा रहा हूं, ताकि कोई हल निकल सके. भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) टिकैत के प्रदेश प्रमुख बिजेंद्र यादव के मुताबिक, उनके ऊपर जिम्मेदारी अब और बढ़ गई है कि आंदोलनरत कृषकों की मांगें सरकार से मनवाई जाएं.
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