सरकार दे रही जलमार्ग से परिवहन को बढ़ावा
सरकार दे रही जलमार्ग से परिवहन को बढ़ावा
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केंद्र सरकार सड़को के साथ ही जलमार्ग से परिवहन को बढ़ावा देने के लिए अहम् कदम उठा रही है. सरकार की इन नीतियों में भारतीय ओटोमोबाइल कम्पनिया अहम् भूमिका अदा करेगी. जलमार्ग का अधिक उपयोग करने और अपने वाहनों के परिवहन के लिए तटीय जहाजरानी साधन (कोस्टल शिपिंग मोड) का इस्तेमाल करने के लिए शनिवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ओटोमोबाइल कम्पनियों से आग्रह किया. 

उल्लेखनीय है कि शनिवार को नितिन गडकरी ने चेन्नई बंदरगाह से बांग्लादेश में मोंगला बंदरगाह के लिए एक रोरो और सामान्य मालवाहक पोत एमवी आईडीएम डूडल को 185 ट्रकों की खेप के साथ हरी झंडी दी. इस मौके पर उन्होंने कहाँ कि “हमारी सरकार की नीतियों में, जलमार्ग हमारी प्राथमिकता है. समुद्री मार्ग से न केवल लागत कम होती है, बल्कि यह समय और कार्बन उत्सर्जन को भी कम करता है. मैं सभी ऑटोमोबाइल निर्माताओं से निर्यात करने और स्थानीय स्तर पर वितरण के लिए भी तटीय परिवहन का प्रयोग करने का आग्रह करता हूं.” 

बता दे कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर जल परिवहन से पेट्रापोल-बेनापोल चेक प्वाइंट पर वाहनों की भीड़ में कमी आएगी और समय की बचत के साथ ही व्यय में भी कमी आएगी जो पर्यावरण के अनुकूल भी है. जून 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत और बांग्लादेश के बीच तटीय जहाजरानी समझौता किया था.

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