मध्य प्रदेश में कोरोना का कहर लगातार जारी है. वहीं प्रदेश के खतरनाक रेड जोन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. लॉकडाउन के एक महीने बाद भी इंदौर संक्रमण के मामले में अति संवेदनशील बना हुआ है. प्रदेश के सभी 52 जिलों में कोरोना संक्रमण की समीक्षा के बाद सरकार ने इंदौर, भोपाल, उज्जैन, खरगोन और होशंगाबाद जिलों को हॉटस्पॉट की सूची में रखा है जबकि 11 जिलों में रेड जोन बना हुआ है. प्रदेश में 50 फीसदी जिलों में स्थिति अभी गंभीर बनी हुई है.
हालांकि, संक्रमण के मामले थमते नहीं दिख रहे हैं. कुल 26 जिले संक्रमित हैं, जिनमें रेड जोन के जिलों की स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है. जो की चिंता का विषय बनी हुई है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोरोना संकट के संदर्भ में जो गाइडलाइन जारी की है, उसके मुताबिक प्रदेश के कोरोना प्रभावित जिलों में प्रशासन और जिला आपदा प्रबंधन समूह द्वारा व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं.
बता दें की इसके बावजूद देश में मप्र का स्थान पांचवां है. जहां अब तक 2090 संक्रमित मरीज मिल चुके हैं और 100 से अधिक की मौत हो चुकी है. लॉकडाउन के एक महीने बाद दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रहीं. शहर और गांवों में लोग अन्य दैनंदिनी परेशानियों से भी जूझ रहे हैं. वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं एलान कर चुके हैं कि शहर-गांवों में संक्रमित क्षेत्रों को छोड़कर मोहल्लों में आवश्यक वस्तुओं की सभी दुकानें खुलेंगीं लेकिन कई जिलों में रविवार को इसे लेकर पसोपेश भी बना रहा. लॉकडाउन में आवश्यक वस्तुओं दूध-दवा दुकान पर भी लोग शारीरिक दूरी और संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी सतर्कता बरतते हुए नहीं दिख रहे है.
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