'15 बाथरूम, 1 करोड़ के पर्दे..', 45 करोड़ से सजाया गया सीएम केजरीवाल का शीशमहल, नहीं निकला एक भी टेंडर!
'15 बाथरूम, 1 करोड़ के पर्दे..', 45 करोड़ से सजाया गया सीएम केजरीवाल का शीशमहल, नहीं निकला एक भी टेंडर!
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नई दिल्ली: अपने आप को आम आदमी कहने वाले और कभी गाड़ी-बँगला नहीं लेने का दावा करने वाले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बँगले को लेकर नित नए खुलासे हो रहे हैं। अब नई जानकारी सामने आई है कि सीएम केजरीवाल के मुख्यमंत्री आवास में एक-दो नहीं, बल्कि कुल 15 बाथरूम हैं और प्रत्येक बाथरूम को सजाने-सँवारने में एक-एक लाख रुपए खर्च किए गए हैं। न्यूज चैनल टाइम्स नाऊ नवभारत की ‘शीशमहल’ के नाम से किए गए एक ऑपरेशन में इन खर्चों का खुलासा किया है। यह ऑपरेशन का पार्ट 2 है। 

 

रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास में 10 लाख से ज्यादा रकम केवल सैनिट्री फिटिंग पर खर्च की गई। मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास में बिजली के विभिन्न सामान पर 2.58 करोड़ रुपए, किचन एवं अप्लायंस पर 1.10 करोड़ रुपए, इंटीरियर डेकोरेशन (वुडेन फ्लोर, वुडन डोर और UPVC डोर पर) पर 11.30 करोड़ रुपए, हॉट वॉटर जनरेटर पर 25 लाख रुपए और सुपीरियर कंसल्टेंसी (सिर्फ बताने के लिए) पर एक करोड़ रुपए खर्च किए गए। रिपोर्ट के अनुसार, आम आदमी पार्टी (AAP) सुप्रीमो केजरीवाल के सरकारी आवास के रेनोवेशन के लिए जो 45 करोड़ रुपए खर्च किए गए, वो रकम 5 अलग-अलग हिस्सों में आवंटित की गई थी। यही नहीं, रेनोवेशन के लिए किसी प्रकार का टेंडर भी नहीं निकाला गया था। दरअसल, नियम के अनुसार, सरकारी कार्य के लिए यदि 10 करोड़ रुपए से अधिक की रकम की आवशयकता होती है, उससे संबंधित फाइल वरिष्ठ अधिकारियों के पास जाती हैं।

 

इसके लिए बकायदा सार्वजनिक टेंडर निकाला जाता है, टेंडर में कार्य को पूरा करने के लिए जो सबसे कम बोली लगाता है, उसे ही टेंडर दिया जाता है। हालाँकि, 10 करोड़ रुपए से कम राशि के लिए टेंडर निकालने की आवश्यकता नहीं होती है। इसी को देखते हुए सीएम केजरीवाल के घर को सँवारने के लिए 10 करोड़ रुपए से कम रकम 5 बार आवंटित की गई। जिससे फाइल को अधिकारियों को भेजने की आवश्यता ही नहीं पड़ी। ऐसे में इस मामले में भ्रष्टाचार की भी गुंजाइश है। टाइम्स नाऊ नवभारत के मुताबिक, केजरीवाल के घर के रंगरोगन के लिए पहली दफा 7.92 करोड़ रुपए, दूसरी बार 1.64 करोड़ रुपए, तीसरी बार 9 करोड़ रुपए, चौथी बार 8.17 करोड़ रुपए और पाँचवीं बार 9.34 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। चूँकि, हर बार रकम 10 करोड़ रुपए से कम है, इसलिए टेंडर निकालने की आवश्यकता नहीं पड़ी।

 

अपने ऑपरेशन के पहले पार्ट में टाइम्स नाऊ नवभारत ने खुलासा किया था कि दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने कोरोना महामारी के संकट काल के दौरान दिल्ली स्थित अपने सरकारी बँगले के सौंदर्यीकरण पर 44.78 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। यानी, बने-बनाए बँगले को चमकाने और उसे और आलीशान बनाने के लिए इतने रुपए फूँक दिए गए। मंगलवार (25 अप्रैल) की शाम को प्रसारित किए गए शो में ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ ने बताया है कि, CM आवास में 8-8 लाख रुपए के पर्दे लगाए गए। सिर्फ पर्दों पर ही 1 करोड़ रुपए फूंक डाले गए। कुल 23 पर्दों का ऑर्डर दिया गया था, जिनमें से कुछ अभी लगने शेष हैं और कुछ लगाए जा चुके हैं।

बता दें कि, इस मामले पर केजरीवाल की आलोचना इसलिए भी हो रही है, क्योंकि, सीएम बनने से पहले वे लगातार यही कहते रहते थे कि, मैं अगर सीएम बना तो गाड़ी-बंगला नहीं लूंगा, मेरी सुरक्षा पर भी कोई सरकारी खर्च नहीं होगा। हालाँकि, इससे पहले केजरीवाल कभी जीवन में चुनाव न लड़ने का वादा भी कर चुके थे। लेकिन, उन्होंने चुनाव भी लड़ा, गाड़ी-बंगला-सिक्योरिटी भी ली और अब बने-बनाए बंगले को और आरमदेह बनाने के लिए उसमे टैक्स पेयर्स के 45 करोड़ फूंक डाले। जिसका कोई टेंडर भी नहीं निकला, इससे इस कार्य में भ्रष्टाचार होने की आशंका भी बढ़ गई है।

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