World Environment Day: खाना बर्बाद करने से पड़ रहा है प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव
World Environment Day: खाना बर्बाद करने से पड़ रहा है प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव
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हर साल पुरे विश्व ने विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. हम सभी हर साल विश्व पर्यावरण दिवस में अपनी भागीदारी देते हैं लेकिन कई ऐसे लोग भी है जो इस दिवस को फ़ालतू समझते हैं और इसमें अपनी भागीदारी नहीं देते बल्कि वह इस बारे में कुछ जानते ही नहीं हैं. जी हाँ, दुनिया में कई ऐसे लोग है जो विश्व पर्यावरण दिवस के बारे में जानते नहीं और जानना भी नहीं चाहते. कई ऐसे लोग जो पर्यावरण को स्वस्थ नहीं बनाना चाहते. कई ऐसे लोग है जो पर्यावरण को नुक्सान पहुंचाने में लगे हुए हैं. ऐसे में प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव भी बढ़ता ही जा रहा है.

आज हम आपको बताते हैं वो एक कारण जिससे कि प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव सबसे ज्यादा बढ़ रहा हैं. जी दरअसल में भारत में लोगों को खाना फेंकने और छोड़ने कि सबसे ज्यादा और बुरी आदत होती है. अक्सर ही भारत का नाम खाना बर्बाद करने में सबसे ऊपर आता है. ऐसा भी एक सर्वे में सामने आया कि 'जितना खाना पूरा इंग्लैंड खाता है उतना हम भारतीय बर्बाद कर देते हैं' जी हाँ, इस बात से आप समझ सकते हैं कि भारत में अन्न की बर्बादी कितनी होती हैं.

भारत अन्न बर्बाद करने में सबसे अव्वल है और उसे रोकने के लिए कोई आगे नहीं आता. भारत में हर घर में दिन सुबह और शाम का खाना बर्बाद होता ही है. ऐसे में अन्न की बर्बादी रोकने के लिए उपाय करने चाहिए और अन्न को बर्बाद होने से बचाना चाहिए क्योंकि इससे प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है और पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है. यह भी एक तरीका है विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का.

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