पर्यावरण के अनुकूल है जैविक खेती
पर्यावरण के अनुकूल है जैविक खेती
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पर्यावरण की रक्षा के लिए हम एक कदम ये भी उठा सकते हैं कि खेती कि जमीन पर जितना हो सके जैविक खाद का प्रयोग करें. जैविक खाद का प्रयोग करना आसान भी है और सस्ता भी. जैविक खाद की सबसे बड़ी विशेषता ये है कि इसे किसान भी अपने खेत में ही तैयार कर सकते  हैं. खेतों या बगीचों के आस-पास मौजूद पेड़ों के गिरे हुए पत्तों और गोबर कि सहायता से आप खाद बना सकते हैं. इसके लिए खेत में ही गड्ढे खोद कर उनमें पत्ते डालकर जैविक खाद बनाई जा सकती है. 

    

खेतों से अधिक से अधिक उपज लेने की महत्वकांक्षा ने  रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध उपयोग को बढ़ा दिया है.  खेती में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग के कारण पंजाब और  हरियाणा में  जमीन पर इसके दुष्परिणाम देखे जा सकते हैं.  इसलिए जैविक खाद का महत्व और भी बढ़ जाता है.

पर्यावरण की  स्थितियों को हमे यदि अच्छा बनाना है तो हमे पर्यावरण की रक्षा के प्रण के साथ ही उसे सही मायने में कर के भी दिखाना होगा.  एक ओर हम पेड़ों की पूजा करते हैं तो वहीं उन्हें काटने से जरा भी नहीं हिचकते. नदियों में गंदगी के पीछे एक बढ़ा कारण मानव द्वारा निर्मित कचरा भी है.  

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