JNU में क्यों किया गया छत्रपति शिवाजी का अपमान ? जांच समिति करेगी पड़ताल
JNU में क्यों किया गया छत्रपति शिवाजी का अपमान ? जांच समिति करेगी पड़ताल
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नई दिल्ली: दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में रविवार (19 फ़रवरी) की रात को जेएनयू छात्र संघ कार्यालय में छत्रपति शिवाजी के चित्र समेत अन्य चित्रों के साथ हुई अभद्रता के मामले में एक जांच समिति का गठन कर दिया गया है। सोमवार की शाम JNU के रजिस्ट्रार द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि विगत रविवार को यूनिवर्सिटी के एक छात्र केंद्र (टेफ्लास) में कुछ छात्रों व बाहरी लोगों द्वारा किए गए अभद्र व्यवहार पर कुलपति ने घटना की गहन जांच के आदेश दिए हैं। वहीं यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा है कि परिसर में किसी भी गतिविधि के आयोजन के लिए अब औपचारिक अनुमति लेने की आवश्यकता होगी।

कुलपति समेत यूनिवर्सिटी की यह सहज इच्छा है कि विश्वविद्यालय परिसर में विविधता स्थापित हो और राष्ट्रीय नेताओं के कार्यों को सदा के लिए सम्मान देकर यूनिवर्सिटी कैंपस में अच्छा माहौल बनाए रखें। इसके विपरीत कार्य करने वाले के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सोमवार की देर शाम तमिलनाडु के सांसद डा.डीएनवी सेंथिल कुमार JNU की कुलपति से मिले। साथ ही वह छात्र केंद्र भी गए और वहां पर पेरियार का चित्र भी भेंट किया। 

कैंपस में बगैर इजाजत होने वाले कार्यक्रम में हो रहे हंगामे के मद्देनज़र JNU प्रशासन ने एक नोटिस जारी करते हुए कहा है कि बिना जेएनयू प्रशासन की इजाजत के किसी प्रकार का कार्यक्रम सार्वजनिक स्थल पर नहीं होगा। JNU के डीन स्टूडेंट्स द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि यह सूचित किया जाता है कि सभी छात्रावासों, छात्र गतिविधि केंद्र (टेफ्लास) और खेल मैदान समेत इंटर-हॉल-प्रशासन के परिसर में किसी भी गतिविधि के लिए छात्रों के डीन की औपचारिक अनुमति की जरूरत होगी। 

क्या है मामला:-

दरअसल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (ABVP) ने छत्रपति शिवजी की जयंती पर JNU में कार्यक्रम का आयोजन किया था। आरोप है कि स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (SFI) के स्टूडेंट्स ने आयोजन स्थल से छात्रपति शिवाजी की तस्वीर उठाकर फेंक दी और ABVP के छात्रों पर हमला भी किया। ABVP ने कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया में शेयर की है, जिसमें छात्रपति की तस्वीरें और फूल माला जमीन पर पड़े हुए नज़र आ रहे हैं। इस हमले में ABVP से जुड़े करीब आधा दर्जन छात्र जख्मी भी हुए हैं। ABVP ने इस हमले की निंदा करते हुए आरोपितों पर सख्त कार्रवाई की माँग की है। 

बता दें कि, इसी JNU में संसद भवन पर हमला करने वाले आतंकी अफजल गुरु की बरसी मनाई जाती है, वहीं अब वहां से छत्रपति शिवाजी की तस्वीर उठाकर फेंका जाना यह बताता है कि, यूनिवर्सिटी में किस कदर देश विरोधी तत्वों का कब्ज़ा हो चुका है, जिन्हे कुछ राजनेताओं का भी समर्थन प्राप्त है।  बता दें कि, इससे पहले इसी JNU में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा में तोड़फोड़ भी की गई थी और उसके चबूतरों पर भगवा जलेगा,  जैसे आपत्तिजनक नारे लिखे गए थे।

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