राष्ट्रपति क्यों नहीं बनना चाहते 'राष्ट्रपिता' के पोते गोपालकृष्ण गांधी ?
राष्ट्रपति क्यों नहीं बनना चाहते 'राष्ट्रपिता' के पोते गोपालकृष्ण गांधी ?
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नई दिल्ली: देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते गोपालकृष्ण गांधी ने विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनने से साफ इनकार कर दिया है। उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा है कि वह संयुक्त विपक्ष की तरफ से अपने नाम की पेशकश किए जाने को लेकर आभारी हैं। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी से भी इनकार कर दिया। 

गांधी ने कहा कि मैं विपक्ष से आग्रह करता हूँ कि वह किसी और नाम पर विचार करे, जो मुझसे कहीं बेहतर राष्ट्रपति साबित हो सकता हो। इससे पहले 15 जून को विपक्ष की तरफ से उम्मीदवार बनाए जाने के कयासों पर गोपालकृष्ण गांधी ने कहा था कि अभी इस संबंध में कोई भी टिप्पणी करना जल्दबाजी होगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, विपक्ष के कुछ नेताओं ने गोपाल कृष्ण गांधी से फोन पर बात की थी और उन्हें राष्ट्रपति प्रत्याशी बनने की पेशकश की थी। 

इससे पहले 2017 में वेंकैया नायडू के मुकाबले विपक्ष ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद का प्रत्याशी भी बनाया गया था, मगर उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा था। गोपाल कृष्ण गांधी पूर्व में राजनयिक रहे हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के गवर्नर के रूप में भी वह 2004 से 2009 तक सेवाएं दे चुके हैं। इतना ही नहीं गोपाल कृष्णा गांधी दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त के पद पर भी काम कर चुके हैं। 

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