नई दिल्ली: भारत सहित विश्वभर में कोरोना संक्रमण संकट अभी समाप्त भी नहीं हुआ है तथा इस बीच बुखार से संबंधित एक नई बीमारी सामने आई है. कोरोना के कम होते संक्रमण के पश्चात् आहिस्ता-आहिस्ता जिंदगी पटरी पर लौट रही है, मगर इस बीच एक जानलेवा बीमारी सामने आई है, जिसे लासा बुखार के नाम से जाना जाता है. इस रोग के सामने आने के पश्चात् हंगामा मच गया है, क्योंकि ब्रिटेन में एक मरीज की जान जा चुकी है. वही तीन पॉजिटिव मरीजों में से एक मरीज की जान जा चुकी है, हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि लासा बुखार की मृत्यु दर अभी 1 प्रतिशत है, मगर कोरोना वायरस के बीच यह चिंता का कारण इसलिए बना है, क्योंकि कुछ पॉजिटिव मरीजों में मृत्यु दर बहुत ही अधिक है. कुछ लोगों और गर्भवती महिलाओं को उनकी तीसरी तिमाही में इसका जोखिम ज्यादा होता है.
संक्रमितों का पता लगाना मुश्किल:-
वही लासा बुखार (Lassa Fever) को लेकर सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसके 80 फीसदी मामले एसिम्पटोमेटिक होते हैं, जिसके कारण इसका पता लगाना बहुत कठिन है. यूरोपीयन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल के अनुसार, कुछ रोगियों को हॉस्पिटल में एडमिट करवाना पड़ता है तथा उनकी बीमारी बहुत गंभीर हो सकती है. लासा वायरस से पीड़ित हॉस्पिटल में एडमिट होने वाले रोगियों में से 15 फीसदी तक की मौत हो सकती है.
कब हो सकती है लासा बुखार से मौत?
यूरोपीयन सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल का कहना है कि लासा बुखार (Lassa Fever) के लक्षणों के आरम्भ से दो हफ्ते के पश्चात् कुछ मामलों में मल्टी ऑर्गन फेल होने के कारण मरीज की मौत हो सकती है.
क्या हैं लासा बुखार से बचने के उपाय?
कोरोना वायरस के बीच लासा बुखार (Lassa Fever) का खतरा बहुत गंभीर हो सकता है, इसलिए इस बीमारी से बचने के लिए उन स्थानों पर ना जाने की सलाह दी जा रही है, जहां चूहे आ सकते हैं. इसके अतिरिक्त घर में साफ-सफाई का खास ख्याल रखें तथा वेंटिलेशन का विशेष ध्यान रखें.
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