भारत में फरवरी के दूसरे हफ्ते से कोरोना संक्रमण ने एक बार फिर से तेज हो चुका है। बीते 5 दिनों में सक्रीय केस में एक लाख की बढ़त हुई। इस बीच एक और डराने वाली बात सामने आई है। दरअसल बढ़ते कोरोना केसों के मध्य डबल म्यूटेंट वेरिएंट होने की पुष्टि हुई है। अब विशेषज्ञ अंदेशा जता रहे हैं कि डबल म्यूटेशन इंफेक्शन की दर और तेज हो चुकी है।
डबल म्यूटेंट वेरिएंट की पुष्टि हुई: केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि देश के 18 राज्यों में कई वेरिएंट ऑफ कन्सर्न (VoC) पर गए। यानी वायरस के कई अलग-अलग रूप देखे गए। इन तमाम प्रकारों के मध्य डबल म्यूटेंट वेरिएंट भी देखने को मिला है। जीनोम सीक्वेंसिंग के बीच इसका पता लगने के बाद से चिंता जाहिर की जा रही है कि कहीं तेजी से दर बढ़ने की वजह यही वेरिएंट तो नहीं।
जताई जा रही आशंका: फिलहाल ये वेरिएंट महाराष्ट्र से टेस्ट के लिए भेजे गए सैम्पल्स में से 20% में मिला है। इधर जिस तेजी से महाराष्ट्र में संक्रमण के केस बढ़ते जा रहे है, उससे ये डरा वाजिब ही है कि कहीं म्यूटेशन की प्रक्रिया की वजह से इंफेक्शन रेट तो नहीं बढ़ रहा। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने फिलहाल ऐसी कोई बात नहीं कही है लेकिन वो निरंतर ये कह रहा है कि अब संक्रमण के बढ़ते केसों के मध्य अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।
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Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) March 24, 2021
Genome Sequencing by INSACOG shows variants of concern and a Novel variant in India.https://t.co/hs3yAErWJR pic.twitter.com/STHjcMnkMh
जिस वेरिएंट का हल्ला हो रहा है, एक बार उसे समझ लेते हैं. ये वायरस का वो रूप है, जिसके जीनोम में दो बार बदलाव हो चुका है. वैसे वायरस के जीनोमिक वेरिएंट में बदलाव होना आम बात है. दरअसल वायरस खुद को लंबे समय तक प्रभावी रखने के लिए लगातार अपनी जेनेटिक संरचना में बदलाव लाते रहते हैं ताकि उन्हें मारा न जा सके. ये सर्वाइवल की प्रक्रिया ही है, जिसमें जिंदा रहने की कोशिश में वायरस रूप बदल-बदलकर खुद को ज्यादा मजबूत बनाते हैं. ये ठीक वैसा ही है, जैसे हम इंसान भी खुद को बेहतर बनाने के लिए कई नई चीजें सीखते और आजमाते हैं. बस वायरस भी इसी फॉर्मूला पर काम करता है.
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