नई दिल्ली: सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में अन्य पिछड़ा वर्ग कोटे से आरक्षण की मांग कर रहे हरियाणा के जाटों ने गुरुवार को दिल्ली में जोरदार प्रदर्शन कर सरकार को 20 मार्च का अल्टीमेटम दिया है।
पिछले 33 दिनों से हरियाणा और उत्तर प्रदेश में जगह जगह पर प्रदर्शन कर रहे जाट बिरादरी के लोगों ने गुरुवार से असहयोग आंदोलन शुरू किया है जिसके तहत वो अपने बिजली और पानी के बिलों का भुगतान नहीं करेंगे और साथ ही उन्होंने अपने ऋण की किश्तों को भी नहीं चुकाने का फैसला किया है।
कड़े पुलिस बंदोबस्त के बीच जाट आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले दिल्ली के आस पास के राज्यों से जमा हुए जाट समुदाय के लोगों ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में एक तरह का शक्ति प्रदर्शन किया।
हालांकि जाट आरक्षण संघर्ष समिति का दावा है कि हज़ारों की संख्या में दिल्ली से लगे हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड से आये उनकी बिरादरी के हजारों लोगों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका गया, जंतर मंतर पर भी प्रदर्शनकारियों की तादात काफी थी।
आपको बता दे कि पिछले साल हरियाणा में जाटों द्वारा चलाये गए आंदोलन के दौरान जमकर हिंसा हुई थी जिसमे दूसरी बिरादरियों के लोगों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा था। यह हिंसा का दौर कई दिनों तक चलता रहा मगर प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनका हिंसा से कोई लेना देना नहीं है।
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