संसदीय कार्य मंत्री नायडू ने असहिष्णुता पर चर्चा के लिए रखी शर्त
संसदीय कार्य मंत्री नायडू ने असहिष्णुता पर चर्चा के लिए रखी शर्त
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बेंगुलुरू : केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री एम. वैंकेया नायडू ने असहिष्णुता के मसले पर विपक्ष को कहा है कि सरकार असहिष्णुता को लेकर चर्चा करने को तैयार है। मगर इसके लिए विपक्ष को सदन की कार्रवाई को सुचारू चलने देना होगी। सभी मसलों पर संसद में चर्चा करने के लिए सभी तैयार हैं।  उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों को किसी भी तरह से सरकार के प्रति जनादेश नहीं देखना चाहिए। इस तरह से हंगामा करने का कोई अर्थ नहीं है। 

मिली जानकारी के अनुसार संसदीय कार्य मंत्री एम. वैंकेया नायडू ने कहा कि सभी सहिष्णु हों और सभी संसद की कार्रवाई को चलने दें। तभी असहिष्णुता पर चर्चा की जा सकती है। संसद न चलने देने की स्थिति में महत्वपूर्ण मसौदे और बिल लंबित हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को किसी भी मसले पर चर्चा करने में परेशानियों का सामना नहीं करना होगा। 

संसद के शीतकालीन सत्र में सहिष्णुता का मसला उठाने को लेकर विपक्ष के कदम को लेकर सवाल किए गए तो उन्होंने इस पर जवाब देते हुए कहा कि सरकार को किसी भी मसले पर चर्चा करने में किसी तरह की परेशानी नहीं होना चाहिए। उल्लेखनीय है कि यह बात सामने आ रही है कि शीतकालीन सत्र में संसद की कार्रवाई बाधित हो सकती है।

ऐसे में विपक्ष सत्तापक्ष पर जमकर हमला बोल सकता है। सदन में असहिष्णुता, साहित्यकारों के सम्मान लौटाने, बीफ मसले और अन्य मामलों को लेकर काफी विवाद हो सकता है। मगर इस मसले पर सरकार अपनी ओर से तैयारी करने में लगी है। ऐसे में सरकार के पक्ष में यह भी कहा गया है कि किसी भी राज्य में एक पार्टी के पक्ष में जनादेश संसद को बाधित करने का जनादेश नहीं होता है।

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