नई दिल्ली: कभी भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता वरुण गाँधी अपने बयानों को लेकर खुद चर्चा में रहते थे, लेकिन अब उनका नाम हर जगह से नदारद है, वरुण गाँधी युपी में 2 बार सांसद रह चुके है, और राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है, इसे में उनका पार्टी प्रचार से गायब रहना सवाल उठा रहा है|
इस मामले में कई तर्क लगाये जा रहे है, दिल्ली हाईकमान द्वारा उनसे नाराज़ होने की भी खबर है, साथ ही शादी के बाद वरुण द्वारा परिवार को ज्यादा वक्त देने की भी बात कही जा रही है, वरुण गांधी द्वारा कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय उपाद्यक्ष राहुल गांधी को अपना बड़ा भाई बताया गया था, वरुण द्वारा कभी गांधी परिवार के खिलाफ कोई भी बयान नहीं दिया गया, वरुण द्वारा प्रियंका की शादी में जाकर उनको बधाई दी गयी थी, लेकिन फिर वरुण ने जब अपनी शादी का न्योता गांधी परिवार को भेजा तब गांधी परिवार का कोई भी सदस्य शादी समाहरोह में वाराणसी नहीं पंहुचा था|
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वरुण गांधी से नाराज़ बताये जा रहे है, प्रधानमंत्री की कार्यशैली अलग होने की वजह से वह गलती करने वालो नेताओ को कभी माफ़ नहीं करते, शायद इन्ही वजहों के चलते मोदी वरुण गांधी से नाराज़ है|
हालाँकि अभी इस मामले में स्तिथि पूरी तरह साफ़ नहीं हो पायी है, भजपा सरकार भी सत्तापक्ष होने की वजह से अपना बचाव करते चल रही है, पार्टी द्वारा कट्टर भाषणो का किसी भी तरह का कोई बचाव नहीं किया जा रहा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कई मौको पर इस तरह के भाषणो की निंदा की गयी है|
वरुण गांधी के समर्थको का मन्ना है की वरुण के पास अपनी संसदीय राजनीतिक पारी को बढाने के लिए काफी वक़्त है, उनके प्रशंसक उन्हें आने वाले समय में भावी प्रधानमंत्री के रूप में भी देखते है,