अरुणाचल प्रदेश को लेकर विपक्ष के निशाने पर सरकार
अरुणाचल प्रदेश को लेकर विपक्ष के निशाने पर सरकार
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नई दिल्ली : अरुणाचल प्रदेश में बढ़ती अस्थिरता को देखते हुए मोदी सरकार ने प्रदेश में प्रेसीडेंट रुल लगाने की सिफारिश की है। इस संबंध में पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में कैबिनेट मीटिंग हुई, जिसमें इस बात पर चर्चा हुई। इसके बाद से ही विपक्षियों के बाण मोदी सरकार पर बरसने लगे है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे संविधान की हत्या करार दिया है।

केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी चुनाव हार गई तो अब पिछले दरवाजे से सत्ता हथियाने की कोशिश कर रही है। उधर कपिल सिब्बल ने इसे राजनीतिक असहिष्णुता कहा है। दरअसल अरुणाचल प्रदेश की राजनीति में पिछले कई दिनों से उथल-पुथल मची हुई है। कांग्रेस सरकार के 21 विधायक बागी हो गए है। 16-17 दिसंबर को सीएम नबाम टुकी के कुछ एमएलए ने बीजेपी के साथ मिलकर नो कॉन्फिडेंस मोशन पेश किया था, जिसमें सरकार की हार हुई।

सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस सरकार असेंबली भंग करने के मूड में नहीं है और जोड़-तोड़ की तमाम कोशिशें जारी हैं। बता दें कि अरुणाचल एसेंबली में 60 सीटें है। 2014 में हुए चुनाव में कांग्रेस को 42 सीटें, बीजेपी को 11 और पीपीए को 5 सीटें मिली थी। पीपीए ने कांग्रेस के साथ हाथ मिलाया, इससे सरकार के पास 47 एमएलए हो गए। लेकिन फिलहाल सरकार के पास केवल 26 विधायक है। सरकार बनाने के लिए उन्हें 31 विधायकों की टोली चाहिए।

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