मोदी सरकार ने देश में गर्भपात कानून को आसान बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गर्भपात कराने की अनुमति के लिए अधिकतम सीमा 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह करने की अनुमति दे दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. इस उद्देश्य के लिए गर्भपात अधिनियम (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट) 1971 में संशोधन किया जाएगा.इसके लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाया जाएगा.
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इस अहम मामले को लेकर बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि मंत्रिमंडल ने गर्भपात कराने की अनुमति के लिए अधिकतम सीमा 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह करने की मंजूरी दे दी है. उन्होंने कहा कि 20 सप्ताह में गर्भपात कराने पर मां की जान जाने के कई मामले सामने आए हैं, 24 सप्ताह में गर्भपात कराना सुरक्षित होगा.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जावड़ेकर ने गर्भपात कराने की सीमा 24 सप्ताह करने पर कहा कि इस कदम से दुष्कर्म पीड़िताओं और नाबालिगों को मदद मिलेगी.वहीं कैबिनेट ने पूर्वोत्तर परिषद के 30 प्रतिशत बजट को नई परियोजनाओं के लिए आवंटित करने को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी जो वंचित क्षेत्र एवं वंचित वर्गो पर केंद्रित होगा.जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया कि पूर्वोत्तर राज्य के बजट का 30 प्रतिशत आवंटन उपेक्षित क्षेत्र, उपेक्षित वर्ग एवं उभरते हुए प्राथमिकता वाले क्षेत्र के लिए होगा. उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था से सरलीकरण होगा, काम की गति बढ़ेगी और विकास के अवसर बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि इससे पूर्वोत्तर के वंचित क्षेत्र एवं समाज के वंचित वर्गो को लाभ मिलेगा.
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