विरोध के बाद भी तृप्ति देसाई जाएंगी हाजी अली दरगाह
विरोध के बाद भी तृप्ति देसाई जाएंगी हाजी अली दरगाह
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मुंबई : पहले शनि शिंगणापुर में 400 साल पुरानी प्रथा तोड़ी और फिर त्रयंबकेश्वर मंदिर के गर्भगृह में जबरन प्रवेश किया। भूमाता ब्रिगेड की तृप्ति देसाई की अगली मंजिल मुंबई स्थित हाजी अली का दरगाह है, जहां वो 28 अप्रैल को प्रवेश करने की तैयारी में है। एक मुस्लिम शिवसेना नेता हाजी अराफात की धमकी के बाद भी वो अपने निर्णय पर डंटी हुई है।

उनका कहना है कि शिवसेना की धमकियों से वो डरने वाली नहीं है। अरफात शेख ने कहा है कि वो चप्पलों का प्रसाद देकर तृप्ति का स्वागत करेंगे। उनका कहना है कि देसाई ने जिस प्रकार से दरगाह में प्रवेश करने की कवायद शुरु की है, उससे मुस्लिमों में असंतोष है। मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार, महिलाओं का दरगाह व कब्रिस्तान जैसी जगहों पर जाना वर्जित है।

तृप्ति देसाई का कहना है कि हाजी अली दरगाह में 2011 तक महिलाओं का मजार तक प्रवेश था। उसके बाद दरगाह ट्रस्ट ने उनके अंदर जाने पर रोक लगा दी। हाजी अली में महिलाओं के प्रवेश पर रोक के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की जा चुकी है। देसाई का कहना है कि वो इस मामले में प्रधानमंत्रई से भी मुलाकात करेंगी। क्यों कि पीएम ने कहा था कि महिलाओं के लिए अच्छे दिन आने वाले है।

यदि केंद्र सरकार कानून बना दे कि भारत में सभी धर्म और जाति के धर्मस्थलों में महिलाओं को प्रवेश मिलना चाहिए तो महिलाओं के हक़ में यह बड़ा फैसला होगा। देसाई अगले माह सबरीमाला मंदिर भी जाने की योजना बना रही है। हाजी अली दरगाह का निर्माण 1631 में हुआ था और यह दुनियाभर में मशहुर है। यहां कई बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है।

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