देहरादून: NSUI के पूर्व जिलाध्यक्ष तरुण साह के खिलाफ बलात्कार की शिकायत दर्ज कराने के लिए महिला थाने पहुंची, किन्तु यहां पीड़ित महिला की सहायता की जगह थाने में उसके समक्ष घिनौनी शर्त रखी गई। DGP से हुई शिकायत के पश्चात् एसओ को सस्पेंड कर दिया गया। सस्पेंड एसओ के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7, छेड़छाड़ की धारा 354 एवं पीड़ित को धमकाने की धारा 506 के तहत शिकायत दर्ज कर ली गई।
हल्द्वानी की एक महिला ने 26 अप्रैल 2022 को मुखानी थाने में तरुण साह के खिलाफ बलात्कार सहित अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। महिला के अनुसार, जब वह अपराधी की गिरफ्तारी के सिलसिले में बातचीत करने के लिए मुखानी एसओ दीपक बिष्ट के पास पहुंची तो उन्होंने उनसे 5 लाख रुपये की मांग करते हुए शारीरिक संबंध स्थापित करने का दबाव बनाना आरम्भ कर दिया।
उच्चाधिकारियों से शिकायत करने की कोशिश की मगर कहीं सुनवाई नहीं होती देख वह डीजीपी दफ्तर पहुंची। DGP के आदेश पर मामले की तहकीकात हुई। एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि प्राथमिक जांच सीओ ट्रैफिक विभा दीक्षित को दी गई। तत्पश्चात, एसपी क्राइम व ट्रैफिक डॉ. जगदीश चंद्र को जांच सौंपी गई। एसपी क्राइम की कांवड़ यात्रा में ड्यूटी लगने पर जांच एसपी सिटी हरबंस सिंह को सौंप दी गई। तहकीकात में सामने आए तथ्यों के आधार पर एसओ को ससपेंड कर दिया गया। उधर अदालत में सुनवाई के चलते महिला ने ससपेंड एसओ पर इल्जाम लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई। हाई कोर्ट ने जब मामले का संज्ञान लेते हुए फटकार लगाई तब नैनीताल पुलिस भी हरकत में आई तथा मंगलवार की रात सस्पेंड एसओ के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली। SSP नैनीताल पंकज भट्ट ने बताया कि आरभिंक तहकीकात के बाद मामले में रिपोर्ट दर्ज करके जांच सीओ रामनगर बलजीत सिंह भाकुनी को सौंप दी गई है। विवेचना में सामने आने वाले तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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