कड़े विरोध के चलते ईपीफ टैक्स पर राहत देने का विचार
कड़े विरोध के चलते ईपीफ टैक्स पर राहत देने का विचार
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नई दिल्लीः केन्द्रीय वित्त बजट में कर्मचारी भविष्य निधि के 60 फीसदी हिस्से पर टैक्स लगाने के प्रस्ताव पर देश में काफी विरोध प्रकट हो रहा है। और अब इसी प्रस्ताव पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वित्त मंत्री अरूण जेटली से चर्चा कि। और कर्मचारी भविष्य निधि पर लगाये जाने वाले कर पर कर्मचारियों को राहत देने का विचार बनाया।

कर्मचारी भविष्य निधि पर टेक्स लगाने के मामले में बजट आने के बाद आधिकारिक तौर पर वित्त मंत्री जेटली, वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा और राजस्व सचिव हंसमुख अधिया का बयान आया था। इन सब बयानों से भ्रम कि स्थिति बनीं। इस दौरान बजट में जो ईपीएफ पर टैक्स को लेकर नियम जारी किए गए हैं देश भर में उसका कड़ा विरोध चल रहा है। जिसके बाद से नरेन्द्र मोदी ने अरूण जेटली को प्रस्ताव पर दोबारा विचार करने को कहा।

ये हो सकता है ऐलान
जानकारी के अनुसार कर्मचारी भविष्य निधि के 60 फिसदी हिस्से पर लगायें जाने वाले कर पर सुधार के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक हुई थी। इसके बाद नरेन्द्र मोदी ने जेटली को इस पर दोबारा विचार करने को कहा। माना जा रहा है कि अरूण जेटली इस प्रस्ताव को वापस लेने कि घोषणा कर सकते हैं। लेकिन आपको बतां दें कि कड़े विरोध के चलते इस प्रस्ताव को वापस लेने के लिए कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिले हैं।

ये कहा गया था बयान में
अरूण जेटली द्वारा बजट पैश करने के दौरान कहा गया था कि 1 अप्रैल 2016 के बाद से ईपीफ में होने वाले 40 फीसदी योगदान पर कर नहीं लगेगा। यानी अब यह बढ़कर 60 फीसदी हिस्से पर लगया जायेगा। और इसके बाद राजस्व सचिव अधिया ने कहा था कि ईपीएफ के 60 प्रतिशत योगदान के ब्याज पर ही कर लगेगा। इसका मतलब यह है कि 60 प्रतिशत मूलधन पर कोई भी कर नही वसूला जायेगा और सिर्फ ब्याज पर ही कर लगाया जायेगा। वहीं वित्त राज्य मंत्री सिन्हा ने कहा था कि 60 प्रतिशत ईपीएफ पर कर तभी बचाया जा सकेगा जबकि उस हिस्से कि पेंशन योजना में निवेश किया जाएगा। इस प्रकार से तीनों ही बयानों में भ्रम कि स्थिति पेदा कर दी थी। जिसे अब तक किसी ने भी स्पष्ट नहीं किया।

इस प्रकार के बयानो को लेकर ईपीएफ न्यासियों कि इस महीने होने वाली बैठक हंगामेदार हो सकती है। बजट में कर्मचारी भविष्य निधि निकासी पर कर लगाने के प्रस्ताव पर विरोध में श्रमिक संगठन इस बैठक में विरोध प्रकट कर सकते हैं। कर्मचारी भविष्य निधि के न्यासी डीएल सचदेव ने कहा कि हमें 17 मार्च को केंद्रीय न्यासी बोर्ड कि 212वीं बैठक के लिए नोटिस मिला है।

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