आज भी लोगों के लिए रहस्य है महान कलाकार गुरु दत्त की मौत
आज भी लोगों के लिए रहस्य है महान कलाकार गुरु दत्त की मौत
Share:

निर्देशक, कोरियोग्राफर और एक्टर गुरु दत्त को भारत का ऑर्सन वेल्स के नाम से पहचाना जाता है। उनका असली नाम वसंत कुमार शिवशंकर पादुकोण था। गुरु दत्त ने वर्ष 1944 में मूवी चांद में एक छोटी से भूमिका निभाकर अपने फिल्म के करियर की शुरुआत की थी। 10 अक्टूबर 1964 को गुरु दत्त मुंबई में अपने बिस्तर में रहस्यमय स्थिति में मृत मिले थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शराब की लत से लंबे समय तक जूझने के उपरांत उन्होंने सुसाइड कर लिया था। लेकिन उनकी मृत्यु कैसे हुई यह बात आज भी राज है। गुरु दत्त और गीता रॉय 1953 में शादी के बंधन में बंध गए। दोनों की जिंदगी बहुत खुशनुमा चल रही थी। अचानक ही 'प्यासा' बनने के दौरान गीता और उनके मध्य दूरियां आने लगी थी। कारण था उनकी अपनी हीरोइन वहीदा रहमान से बढ़ती नजदीकियां। दोनों के मध्य शक इस हद तक बढ़ गया कि एक दिन गुरु दत्त को एक पत्र मिला। उसमें लिखा गया था कि, 'मैं तुम्हारे बिना नहीं रह सकती। अगर तुम मुझे चाहते हो तो आज शाम को साढ़े 6 बजे मुझसे मिलने नारीमन प्वॉइंट पर आओ। तुम्हारी वहीदा।'

जब गुरु दत्त ने ये चिट्ठी अपने मित्र अबरार को दिखाई तो उन्होंने बोला कि मुझे ये नहीं लगता कि ये चिट्ठी वहीदा ने लिखी है। दोनों ने इस चिट्ठी का रहस्य जानने का प्लान बना लिया था। अबरार अपनी फिएट कार में नारीमन प्वॉइंट पहुंचे और उन्होंने अपनी कार CCI के पास एक गली में पार्क कर दी। उन्होंने देखा कि गीता दत्त और उनकी सहेली स्मृति बिस्वास एक कार की पिछली सीट पर बैठी किसी को देखने का प्रयास कर रही थी। पास की बिल्डिंग से गुरु दत्त भी ये सारा नजारा देख रहे थे। घर पहुंचकर दोनों में इस बात पर जबरदस्त झगड़ा हुआ और दोनों के बीच बातचीत भी बंद हो चुकी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 9 अक्टूबर को उनके दोस्त अबरार अलवी उनसे मिलने गए तो गुरु दत्त शराब के नशे में धुत थे । इस दौरान उनकी गीता दत्त से फोन पर लड़ाई हो गई थी। वो अपनी ढाई वर्ष की बेटी से मिलना चाह रहे थे और गीता उसे उनके पास भेजने के लिए तैयार नहीं थीं। गुरु दत्त ने नशे की हालत में ही उन्हें अल्टीमेटम दे डाला, 'बेटी को भेजो वरना तुम मेरा मरा हुआ शरीर देखोगी।' 1 बजे रात को दोनों ने खाना खाया और फिर अबरार अपने घर के लिए रवाना हो गए थे। अगले दिन दोपहर में उनके पास फोन आया कि गुरु दत्त की तबीयत बिगड़ गई। 

जब वो उनके घर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि गुरु दत्त कुर्ता-पायजामा पहने पलंग पर ही सो रहे थे। पलंग के पास मौजूद मेज पर गिलास रखा हुआ था जिसमें एक गुलाबी तरल पदार्थ अभी भी थोड़ा बचा हुआ था। अबरार के मुंह से निकला, गुरु दत्त ने अपने आप को मौत के हवाले कर दिया। लोगों ने पूछा आप को कैसे पता? अबरार को पता था, क्योंकि वो और गुरु दत्त अक्सर मरने के तरीकों के बारे में बातें किया करते थे। गुरु दत्त ने ही उनसे बोला था, 'नींद की गोलियों को उस तरह लेना चाहिए जैसे मां अपने बच्चे को गोलियां खिलाती है...पीस कर और फिर उसे पानी में घोल कर पी जाना चाहिए।' अबरार ने बाद में बताया कि उस समय हम लोग मजाक में ये बातें कर रहे थे। मुझे क्या पता था कि गुरु दत्त इस मजाक का अपने ही ऊपर परीक्षण कर लेंगे।

अक्षय कुमार ने पूरी की अपनी इस बेहतरीन फिल्म की शूटिंग

अमिताभ बच्चन को प्रतिमाह 18.9 लाख रुपये देगा SBI, जानिए क्या है मामला

अगर विक्की कौशल ने नहीं की होती ये फिल्म तो नहीं मिलती ‘सरदार उधम’

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -