कपालेश्वर मंदिर में तमिल अर्चना योजना का हुआ शुभारंभ
कपालेश्वर मंदिर में तमिल अर्चना योजना का हुआ शुभारंभ
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तमिलनाडु में देश में ऐसे मंदिरों और स्मारकों की संख्या सबसे अधिक है। हिंदू धर्म और सांस्कृतिक विरासत पर विवाद लंबे समय से चर्चा में हैं। मद्रास हाईकोर्ट में हर महीने एक नया मामला दायर किया जाता है। इस तरह के हंगामे के बीच, तमिलनाडु के हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती मंत्री पीके सेकर बाबू ने गुरुवार को चेन्नई के मायलापुर में कपालेश्वर मंदिर में तमिल अर्चना योजना की शुरुआत की।

शेखर बाबू ने भी मीडियाकर्मियों से बात की और कहा कि यह योजना मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की सलाह पर शुरू की गई थी। यह योजना शुरू में राज्य भर के 47 प्रमुख मंदिरों में शुरू की जाएगी। इस योजना के तहत, विभाग ऐसे मंदिरों में पुजारियों के संपर्क नंबरों के साथ डिस्प्ले बोर्ड लगाएगा, जो तमिल में पूजा और अर्चना करते हैं। विभाग ने कपालेश्वर मंदिर में तमिल में पूजा करने के लिए तीन पुजारियों की संख्या प्रदर्शित की है।

मंत्री ने यह भी कहा कि संस्कृत में अर्चना मंत्रों के जप की वर्तमान प्रणाली को बाधित नहीं किया जाएगा। शेखर बाबू ने कहा, "संस्कृत में अर्चना मंत्रों के जाप की वर्तमान प्रणाली को किसी भी तरह से बाधित नहीं किया जाएगा। केवल कुछ चुनिंदा पुजारी ही भक्त की इच्छा के आधार पर इन मंत्रों का तमिल में जाप करेंगे।"

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