वायु सेना ने अण्डमान द्वीप से सुरक्षित निकाले 1600 सैलानी
वायु सेना ने अण्डमान द्वीप से सुरक्षित निकाले 1600 सैलानी
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कोलकाता : अंडमान के हैवलॉक और नील द्वीपों में फंसे 1600 पर्यटकों के लिए यह उनका पुनर्जन्म ही है, जो उन्हें वायु सेना के सात पोतों और छह हेलीकॉप्टरों के एक बेड़े ने चक्रवाती मौसम से बचाकर दूसरा जीवन दिया. बता दें कि हैवलॉक और नील द्वीप अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह के बेहद मशहूर पर्यटक स्थल हैं. यहां हो रही मूसलाधार बारिश, समुद्र में उठ रही उंची-उंची लहरों और तेज हवाओं के कारण कई पर्यटक फंस गए थे जिन्हें वायुसेना की मदद से सुरक्षित निकाल लिया गया.

गौरतलब है कि अंडमान के हैवलॉक और नील द्वीपों में कई पर्यटक छुट्टियां बिताने आये थे. लेकिन लगभग दो दिनों तक लगातार बारिश और तूफान से वहां घिरे रहे.द्वीप समूह पर फंसे लोगों में 800 से ज्यादा पश्च‍िम बंगाल के हैं.ऐसे हालातों में वायुसेना की मदद ली गई.वायुसेना के तीन एमआई-17वी-5 सैन्य परिवहन हेलीकॉप्टर और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के तीन पवन हंस हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ नौसेना एवं प्रशासन के सात पोत द्वीपों के बीच लगातार आवाजाही का अभियान चलाकर अंडमान के हैवलॉक और नील द्वीपों में फंसे 1600 पर्यटकों को शुक्रवार को बचा लिया गया.जबकि शेष जबकि 175 और पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के लिए शनिवार को बचाव कार्य फिर से शुरू किया जाएगा.

इस बारे में पर्यटकों ने अपने अनुभव सुनाते हुए कोलकाता के राउत परिवार ने कहा कि लगातार बारिश और तूफान के कारण उन्हें पूरा समय होटल में ही गुजारना पड़ा, वहीँ घर लौटे सतीश ने कहा कि वहां बहुत बारिश हो रही थी.सरकार ने सुविधाएं प्रदान कीं.मैं 3 दिसंबर को वहां गया और 2 दिनों तक रुका मैं इन दो दिनों को जिंदगीभर नहीं भूल सकता.हैवलॉक और नील द्वीपों में फंसे पर्यटकों ने वापस घर लौटकर राहत की सांस ली है. उधर मौसम विभाग ने भविष्य वाणी की है कि अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के 300 से ज्यादा द्वीपों पर भारी बारिश होगी और 50 किमी प्रति घंटे से भी तेज हवाएं चलेंगी.

अंडमान-निकोबार में फंसे हैं पर्यटक, राहत कार्य में परेशानी 

अंडमान में तूफान में फंसे 800 पर्यटक, नौसेना कर रही मदद
 

                                                                    

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