एसपीटी एक्ट में बदलाव रोकने वाले नहीं चाहते आदिवासियों का विकास
एसपीटी एक्ट में बदलाव रोकने वाले नहीं चाहते आदिवासियों का विकास
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रांची : भारतीय जनता पार्टी के नेता और विधायक रामकुमार पाहन द्वारा कहा गया कि सीएनटी व एसपीटी एक्ट में संशोधन से आदिवासियों का भला होगा। दरअसल विरोध करने वाले वे हैं जो कि आदिवासियों को विकास करते हुए नहीं देखना चाहते हैं। यदि एक्ट में संशोधन हो जाएगा तो आदिवासियों को मुख्य धारा से जोड़ा जा सकेगा। मगर कुछ लोग ऐसे हैं जो कि आदिवासियों के क्षेत्रों में सड़क, बिजली, चिकित्सा आदि सुविधाऐं नहीं पहुंचने देना चाहते हैं।

दरअसल विपक्ष यह नहीं चाहता है कि सरकार को विकास कार्यों का श्रेय मिल जाए। इतना ही नहीं राज्य का विकास नहीं हो रहा है। जिससे वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में यह कहा जा सके कि सरकार द्वारा विकास का कार्य नहीं किया गया है। आखिर पहली बार कोई सरकार जनता के हितों को ध्यान में रखकर निर्णय ले रही है। विधायक रामकुमार पाहन ने इस मामले में कहा कि राज्य सरकार ने गरीबों और आदिवासियों के हित में शानदार कार्य किया है।

इस तरह के संशोधन के बाद इस तरह की सीमा दो वर्ष तक और भू वापसी व दखलदिहानी करवाने का प्रावधान किया गया है। इस तरह के संशोधन के बाद समय सीमा दो वर्ष के स्थान पर 6 माह हो जाएगी। नए तरह के बदलावों से आदिवासी भू स्वामी अपनी भूमि का उपयोग गैर कृषि कार्यों हेतु कर पाऐंगे। उनका कहना था कि स्वरोजगार हेतु वे अपनी जमीन पर होटल, दुकान मैरेज हाॅल आदि निर्मित करवा सकेंगे। इस मामले में यह प्रावधान भी किया गया है कि भू स्वामी अपना स्वामित्व हस्तांतरित नहीं कर पाऐंगे।

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