जम्मू में हिंसा के बीच शहीदी दिवस, गड़बड़ी की आशंका
जम्मू में हिंसा के बीच शहीदी दिवस, गड़बड़ी की आशंका
Share:

श्रीनगर : कश्मीर में फैली हिंसा पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार लगातार नजर बनाए हुए है। लेकिन इस मुद्दे पर सियासी पारा भी चढ़ता जा रहा है। राजनीति के दाव-पेंच के बीच कश्मीर में शहीदी दिवस मनाया जा रहा है। जिसे देखते हुए सुरक्षा बलों को सतर्क कर दिया गया है। बता दें कि 1931 में महाराजा हरि सिंह के खिलाफ जब लोगों ने प्रदर्शन किया था।

तब प्रदर्शन से खफा महाराजा हरिसिंह की फौज ने उन पर फायरिंग कर दी थी, जिसमें 22 लोगों की जानें चली गई थी। इसे ही कश्मीर के स्वतंत्रता संग्राम के लिए पहला नरसंहार माना जाता है। सीएम महबूबा मुफ्ती ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी। अलगाववादी इस दिन पहले ही नौहट्टा में शहीदों की मजार तक जुलूस ले जाने का ऐलान कर चुके है।

हर साल शहीदी दिवस के दिन हिंसा की आशंका होती है। ऐसे में जब इस साल माहौल पहले से ही खराब है, तो सरकार ज्यादा सतर्क है। राज्य की बीजोपी-पीडीपी सरकार विपक्षियों के निशाने पर है। श्रीनगर की गलियों में चारों ओर वर्दीधारी ही दिख रहे है। आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से ही तनाव का माहौल व्याप्त है।

दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी ने बैठक की और कश्मीरी लोगों से शांति की अपील की। सीएम महबूबा भी इस हिंसा को शांत करने के लिए स्थनीय लोगों के साथ बैठक कर रही है। उन्होने लोगों से किसी अफवाह या किसी के उकसावे में नहीं आने की अपील की है। विरोधी सरकार को इस हिंसा के लिए जिम्मेदार मान रहे है, जब कि विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार का काम अच्छा चल रहा है, लेकिन जनता तक बात नहीं पहुंच रही है।

राजनीतिक विशेषज्ञ परीक्षित मन्हास के अनुसार जितनी भी सरकारें जम्मू कश्मीर में रही, लोगों की तरफ ध्यान नहीं दिया। कश्मीर में किसी चीज की कमी नहीं है। पॉलिसी को लोगों तक नहीं पहुंचाई जा रही है।

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
Most Popular
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -