Jan 24 2016 04:33 PM
उज्जैन : खगोल शास्त्रियों का कहना है कि सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी की तिकड़ी इस साल ग्रहण के 5 रोमांचक दृश्य दिखाएगी। लेकिन इन 5 में से भारत में केवल 2 को ही देखना संभव हो सकेगा। उज्जैन की प्रतिष्ठित जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने भारतीय संदर्भ में की गयी कालगणना के हवाले से बताया कि इस साल ग्रहण का सिलसिला नौ मार्च को पड़ने वाले पूर्ण सूर्यग्रहण से शुरू होगा।
मौजूदा साल का पहला ग्रहण देश के पूर्वोत्तर के हिस्सों में आंशिक तौर पर दिखाई देगा। गुप्त ने बताया कि 23 मार्च को उपच्छाया चंद्रग्रहण लगेगा। यह चंद्रग्रहण तब लगता है, जब चंद्रमा पेनुम्ब्रा से होकर गुजरेगा। पेनुम्ब्रा अर्थात् ग्रहण के वक्त धरती पर पड़ने वाली हल्की परछाई।
कहा जा रहा है कि इस दौरान चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की रोशनी आंशिक तौर पर कटी प्रतीत होती है। गुप्त ने बताया कि 18 अगस्त को साल का दूसरा उपच्छाया चंद्रग्रहण लगेगा। जो कि भारत में नही दिखाई देगी। उन्होने बताया कि 1 सितंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भी भारत में नही दिखाई देगा। 16 सितंबर को तीसरा उपच्छाया चंद्रग्रहण लगेगा।
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