उज्जैन : द्वादश ज्योर्तिलिंग में से एक भूतभावन भगवान श्री महाकालेश्वर के आंगन में भगवान शिव के विवाह की धूम रहेगी। भगवान श्री महाकालेश्वर दुल्हा बनेंगे। शिव के दरबार को आकर्षक अंदाज़ में सजाया जाएगा। भगवान शिव को हल्दी लगाई जाएगी। भक्त 9 दिनों तक भगवान श्री महाकाल के विभिन्न रूपों में दर्शन देंगे। शिवरात्रि पर भगवान के शीश पर सेहरा सजेगा। यह सेरा फूलों का होगा। भगवान श्री महाकालेश्वर के दुल्हा बनने के पहले 9 दिनों तक शिवनवरात्रि का आयोजन किया जाएगा।
भगवान को होल्कर, घटाटोप, चंद्रमौलेश्वर, उमा महेश स्वरूप से श्रृंगारित किया जाएगा। भगवान श्री महाकालेश्वर संतरों की तो कभी मुंडों की माला धारण करेंगे यही नहीं भगवान को नागफनी के कुंडल भी सुशोभित करवाए जाऐंगे। भस्म आरती के बाद मंदिर के नैवेद्य कक्ष में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का पूजन होगा। जिसके बाद कोटितीर्थ कुंड के पास स्थित श्री कोटेश्वर महादेव का पूजन होगा। नौ दिवसीय शिवनवरात्रि पर्व का पूजन भी होगा।
इसके बाद मनाई जाएगी, शिवरात्रि। इस दौरान लाखों श्रद्धालु बाबा श्री महाकालेश्वर का दर्शन करेंगे यही नहीं भगवान श्री महाकालेश्वर दुल्हा बनेंगे और वर्ष में एक बार शिवरात्रि के बाद अगले दिन भस्मारती दोपहर 12 बजे होगी। जिसके पूर्व भगवान के सेहरे के फूल श्रद्धालुओं द्वारा प्राप्त किए जाऐंगे। बाबा श्री महाकालेश्वर के मंदिर में भस्मारती की तैयारियां अंतिम दौर में हैं। तैयारियों को तेजी से पूर्ण किया जा रहा है इन तैयारियों के ही साथ सिंहस्थ 2016 के कार्यों को भी पूर्ण किया जा रहा है।