हैदराबाद के मशहूर होटल मेरियट पर कब्जा करना चाहता था वक्फ बोर्ड, 60 साल की कानूनी लड़ाई के बाद HC ने दिया फैसला
हैदराबाद के मशहूर होटल मेरियट पर कब्जा करना चाहता था वक्फ बोर्ड, 60 साल की कानूनी लड़ाई के बाद HC ने दिया फैसला
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हैदराबाद: तेलंगाना वक्फ बोर्ड का एक नया कारनामा सामने आया है। वक्फ बोर्ड ने हैदराबाद के एक मशहूर 5 स्टार होटल को ही अपनी संपत्ति घोषित कर दिया। होटल का नाम मैरियट है, जो पहले वायसराय नाम से मशहूर था। इस पर कब्ज़े के लिए वक्फ बोर्ड ने होटल से काफी लम्बी कानूनी लड़ाई भी लड़ी। लेकिन, अदालत में तेलंगाना में वक्फ बोर्ड के इरादे ध्वस्त हो गए। उच्च न्ययालया ने न केवल होटल को बड़ी राहत प्रदान की, बल्कि वक्फ बोर्ड को मिसकंडक्ट (प्रतिकूल प्रविष्टि) भी थमा दी है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले की सुनवाई तेलंगाना उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस आलोक अराधे और जस्टिस अनिल कुमार जुकांति की पीठ ने की। सुनवाई इस मुद्दे पर थी कि आखिर होटल मेरियट का मालिक कौन है? दरअसल, वर्ष 1964 में अब्दुल गफूर नामक एक शख्स ने तब वायसराय नाम से चर्चित इस होटल पर अपना दावा ठोंकते हुए मुकदमा कर दिया था। मुकदमे में वक्फ अधिनियम 1954 का हवाला दिया गया था, जिसके कारण होटल मेरियट की सम्पत्ति विवादित घोषित हो गई थी।

करीब, 50 सालों तक वक्फ बोर्ड ने इस मामले को कानूनी दांव-पेंचों में उलझाकर रखा। वर्ष 2014 में एक बार फिर से तेलंगाना राज्य वक्फ बोर्ड होटल मेरियट के खिलाफ एक्टिव हुआ। उसने एक समाचार पात्र में नोटिस के जरिए होटल मेरियट को कानूनी कार्रवाई की धमकी दी। वक्फ बोर्ड की कानूनी कार्रवाई की धमकी पर होटल मेरियट के संचालकों ने भी कोर्ट में जवाब दायर किया। इस जवाब में वक्फ पर पुराने अदालती आदेशों का उल्लंघन करने का इल्जाम लगाया गया था। आखिरकार यह मामला उच्च न्यायालय तक पहुँच गया।

अदालत में दोनों पक्षों को सुना गया, और आखिरकार आखिरी फैसला होटल मैरियट के पक्ष में आया। हाई कोर्ट ने वक्फ बोर्ड की याचिका को शुरुआत से ही गैरकानूनी करार दे दिया। होटल के खिलाफ वक्फ बोर्ड की अधिसूचना को ख़ारिज करते हुए कोर्ट ने फैसला सुनाया। साथ ही वक्फ बोर्ड को मिसकंडक्ट जारी करते हुए भविष्य में सभी बेदखली के कार्यों को रोकने का फरमान दिया।

क्या है वक्फ बोर्ड और कितनी संपत्ति है उसके पास ?

बता दें कि, वक्फ शब्द की उत्पत्ति अरबी भाषा के लफ्ज वकुफा से हुई है। इस्लाम में वक्फ उस संपत्ति को कहा जाता है, जो अल्लाह के नाम पर दान कर दी जाती है। एक बार संपत्ति वक्फ हो गई, तो फिर उसे मालिक को कभी वापस नहीं मिलती।  वक्फ बोर्ड के पास देश में इंडियन आर्मी और इंडियन रेलवे के बाद सबसे अधिक जमीन है। यानी, वक्फ बोर्ड भारत का तीसरा सबसे बड़ा जमीन मालिक है। वक्फ मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया के अनुसार, 2022 तक देश के सभी वक्फ बोर्डों के पास कुल मिलाकर 8 लाख 54 हजार 509 संपत्तियां हैं, जो लगभग 8 लाख एकड़ से अधिक जमीन पर फैली है। बड़ी बात ये भी है कि, वक्फ यदि आपके घर पर दावा ठोंक दे, यानी उसे वक्फ प्रॉपर्टी घोषित कर दे, तो आप किसी कोर्ट में भी नहीं जा सकते, उसके लिए आपको वक्फ बोर्ड ट्रिब्यूनल के पास ही जाना होगा। फिर ट्रिब्यूनल की इच्छा की वो आपकी संपत्ति वापस दे या नहीं ?  यहाँ तक कि इलाहबाद हाई कोर्ट को भी अपनी जमीन वक्फ से वापस पाने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़े थे, वो तो अदालत थी, इसलिए सुप्रीम कोर्ट में उसकी सुनवाई हो गई और उसे जमीन वापस मिली, वरना इलाहबाद हाई कोर्ट की जमीन पर भी वक्फ का कब्ज़ा होता। 

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