भोपाल : एक ओर जहां संसद में कांग्रेस ने सत्ताधारी एनडीए की ललित मोदी गेट कांड और व्यावसायिक परीक्षा मंडल मसले पर मुश्किल कर दी वहीं सोमवार से प्रारंभ हुआ मप्र विधानसभा का मानसून सत्र दूसरे दिन भी हंगामाखेज रहा। इस दौरान कांग्रेस विधायकों ने प्रदेश की भाजपानीत सरकार का व्यापमं. घोटाले को लेकर जमकर विरोध किया। सदन की शुरूआत के साथ ही कांग्रेसी सरकार से व्यापमं. भर्ती घोटाले में सरकार का विरोध करते रहे। इस दौरान कांग्रेसियों ने एडवोकेट सिद्धार्थ गुप्ता की निंदा की गई। विशेषाधिकार हनन मामले में सिद्धार्थ को विधानसभा के कटघरे में खड़ा किया गया और विपक्ष ने उनकी निंदा की। मगर बात दोनों पक्षों के नेताओं द्वारा धक्का मुक्की करने तक पहुंच गई।
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान व्यापमं. को लेकर सवाल उठे। इस दौरान पक्ष और विपक्ष द्वारा आरोप प्रत्यारोप का दौर प्रारंभ हो गया। जिसके बाद विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। हंगामा बढ़ता देख विधानसभा अध्यक्ष ने 10 मिनट के लिए विधानसभा की कार्रवाई स्थगित कर दी। जब फिर से कार्रवाई प्रारंभ हुई तो सदस्यों ने फिर से हंगामा प्रारंभ कर दिया। जब हंगामा होता रहा तो संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विपक्ष सदन नहीं चलने देना चाहता है। यह सुनते ही कांग्रेसियों का हंगामा बढ़ गया। इसके बाद अध्यक्ष ने सदन को प्रातः 11.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया लेकिन इसके बाद भी सदन में हंगामा हुआ और सदस्य नहीं माने तो विधानसभा अध्यक्ष ने कार्रवाई बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी। मगर इतने पर भी बात नहीं बनी दोनों पक्षों के नेताओं में धक्का मुक्की भी हो गई।
दरअसल सदन की कार्रवाई समाप्त होने पर जब सदस्य बाहर निकल रहे थे इसी दौरान कांग्रेस विधायक सुंदरलाल तिवारी, रजनीश सिंह और मधु भगत को भाजपा विधायकों का धक्का लगा। जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे शिकायत करने विधानसभा अध्यक्ष के पास पहुंच गए। अध्यक्ष ने संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा को समझाईश दी जिसके बाद भाजपा विधायकों को धक्का मुक्की न करने की ताकीद दी गई।