बड़ा फैसला : खत्म हुई 400 वर्ष पुरानी परंपरा, शनि शिंगणापुर में पूजा कर सकेंगी महिलाऐं
बड़ा फैसला : खत्म हुई 400 वर्ष पुरानी परंपरा, शनि शिंगणापुर में पूजा कर सकेंगी महिलाऐं
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औरंगाबाद : शनि शिंगणापुर में महिलाओं के प्रवेश की बात अब सुनिश्चित हो गई है। अब ट्रस्ट ने यह तय किया है कि जिस तरह से आम श्रद्धालु भगवान शनि देव के दर्शन करते हैं उसी तरह से महिलाओं को भी दर्शनों की अनुमति रहेगी लेकिन किसी को भी शनि देव की शिला के पास नहीं जाने दिया जाएगा। ट्रस्ट द्वारा अनुमति मिल जाने से सभी ने खुशी जताई है। मंदिर के ट्रस्ट ने महिलाओं को मंदिर में पूजन करने की अनुमति दे दी है।

ट्रस्टियों द्वारा कहा गया है कि शनि की शिला के पास कोई पुरूष भी नहीं गया है। ट्रस्टियों द्वारा शनि देव का पूजन करने हेतु महिलाओं को आमंत्रित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाऐं उसी तरह से पूजन करेंगी इस मामले को लेकर स्वामी दीपाशंकर ने भी ट्रस्टियों से भेंट कर चर्चा की थी। उल्लेखनीय है कि प्राचीन परंपरा में उल्लेख किया गया है कि शनि मंदिर में 400 वर्ष से किसी भी महिला को शनि देव के चबूतरे पर तेल चढ़ाने या फिर पूजन करने की अनुमति नहीं है।

यह परंपरा करीब 400 वर्ष पुरानी है। शनि मंदिर में पवित्र शिला के चबूतरे के आसपास रैलिंग लगी है और किसी को भी चबूतरे पर चढ़ने की अनुमति नहीं है। चबूतरे के पास कुछ कंटेनर निर्मित किए गए हैं जिनमें श्रद्धालु तेल चढ़ाते हैं। कंटेनर्स का यह तेल श्री शनिदेव तक पहुंचता है।

बाॅम्बे हाईकोर्ट भी इसे सही ठहरा चुका है। 29 नवंबर वर्ष 2015 को महिला द्वारा शनिदेव के चबूतरे पर जाकर पूजन करने के बाद विवाद हो गया। शिंगणापुर में पंचायत हुई जिसके बाद मंदिर का शुद्धिकरण किया गया था। इसके बाद से महिलाओं को मंदिर में प्रवेश नहीं देने की बात कही गई। जिस पर महिलाओं ने अपना विरोध जताया। 

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