Apr 04 2016 03:11 PM
नई दिल्ली : हिंदी भले ही भारत की राष्ट्रीय भाषा हो, लेकिन इसे इसके मूल रुप में लागू करना और समझना व इसका रोजाना प्रयोग करना कठिन हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को देश की सभी अदालतों के कामकाज के लिए हिंदी के प्रयोग वाली याचिका को खारिज कर दिया।
याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने दलील दी कि क्या हम संसद को ऐसा आदेश दे सकते है कि वो ऐसा कानून पास करें। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता को भी जमकर फटकार लगाई और कहा कि आप संविधान में ही बदलाव की मांग क्यों नहीं करते।
कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि पहले ही कोर्ट पर अनगिनत केसों का दबाव है, ऐसे में आप ऐसी याचिका लगाकर अदालत का समय नष्ट कर रहे है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता वकील शिव सागर तिवारी पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया, लेकिन बाद में याचिकाकर्ता के अपील करने पर कोर्ट ने आगे से ऐसी याचिका न दायर करने की चेतावनी देते हुए जुर्माना माफ कर दिया।
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