Feb 29 2016 04:15 PM
नई दिल्ली : राष्ट्रद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए छात्रों उमर खालिद, कन्हैया कुमार, एसआर गिलानी समेत सभी आरोपियों के खिलाफ दायर की गई अवमानना याचिका पर सुनवाई से शीर्ष अदालत ने साफ इंकार कर दिया है। कोर्ट ने याचिका दायर करने वाले को कहा कि पहले वह अटॉर्नी जनरल का वोट लाएं, उसके बाद ही याचिका पर सुनवाई की जाएगी।
सर्वोच्च न्यायलय ने कहा कि अवमानना याचिका पर सुनवाई के लिए अटॉर्नी जनरल की अनुमति अति आवश्यक है और यही कानूनी रुप से जस्टिफाइड है। याचिका में कहा गया था कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी देने को न्यायिक हत्या कहना न्यायलय की अवमानना है। याचिका में यही स्पष्ट किया गया है कि जो पर्चे बांटे गए थे कि अफजल की मौत न्यायिक हत्या है और नारे भी लगाए गए।
जिससे प्रतीत होता है कि सुप्रीम कोर्ट के जज ही अफजल के हत्यारे है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने अफजल के मामले में सभी पक्षों को सुनने और सबूतों को ध्यान में रखकर ही अफजल को फांसी की सजा सुनाई थी। इनके अलावा अनिर्बान भट्टाचार्य, शेहला राशिद, लेनिन कुमार औऱ अली जावेद के नाम भी शामिल है।
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