पूर्व सांसदों को आजीवन पेंशन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
पूर्व सांसदों को आजीवन पेंशन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
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नई दिल्ली: पूर्व सांसदों को आजीवन पेंशन और भत्ता दिए जाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, चुनाव आयोग, लोकसभा और राज्यसभा के महासचिव को नोटिस जारी जवाब मांगा है.

गौरतलब है कि लोकप्रहरी नामक NGO ने इस सम्बन्ध में याचिका दाखिल की है. जिसमें कहा गया है कि पूर्व सांसदों और विधायकों को आजीवन पेंशन दी जा रही है. जबकि नियमों में यह शामिल नहीं है. याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अगर एक दिन के लिए भी कोई सांसद बन जाता है तो वह ना केवल आजीवन पेंशन का हकदार हो जाता है, उसकी पत्नी को भी पेंशन मिलती है.यही नहीं वह जीवन भर एक साथी के साथ ट्रेन में मुफ्त यात्रा करने का भी हकदार हो जाता है, जबकि राज्य के राज्यपाल को भी आजीवन पेंशन नहीं दी जाती.

बता दें कि इस याचिका में विसंगतियों का जिक्र कर कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के वर्तमान जजों को भी साथी के लिए मुफ्त यात्रा का लाभ नहीं दिया जाता. भले ही वह आधिकारिक यात्रा पर ही क्यों ना जा रहे हों. ऐेसे में यह व्यवस्था आम लोगों के लिए बोझ है और ये व्यवस्था राजनीति को और अधिक आकर्षक बना रही है.सबसे अहम बात यह है कि यह खर्च ऐेसे लोगों पर किया जाता है जो जनता का प्रतिनिधित्व ही नहीं करते हैं .ऐसी दशा में इस व्यवस्था को खत्म किये जाने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर सम्बन्धितों को नोटिस जारी कर जवाब माँगा है.

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