नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल की राजनीति को हिलाकर रख देनी वाली शारदा चिट फंड घोटाले के आरोपी पश्चिम बंगाल कैडर के आइपीएस अधिकारी राजीव कुमार को अग्रिम जमानत मिल चुकी है। सीबीआई के विरोध के बावजूद भी वह जमानत लेने में सफल हो गए। अब सीबीआई ने उनके अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। सीबीआई ने इस याचिका में कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक अक्टूबर के आदेश को चुनौती दी है। उच्च न्यायालय ने कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को अग्रिम जमानत देते हुए अपने आदेश में कहा था कि यह हिरासत में लेकर पूछताछ करने योग्य मामला नहीं है।
उच्च न्यायालय के आदेश के बाद तीन अक्टूबर को राजीव कुमार ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में समर्पण कर दिया जिसने उन्हें 50-50 हजार रुपये की दो जमानत देने पर रिहा कर दिया। सारधा समूह पर जनता को करीब 2,500 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है। राजीव कुमार पर आरोप है कि शारदा समूह ने जनता को उसके यहां निवेश करने पर बेहतर दर पर धन वापसी का आश्र्वासन दिया था।
पश्चिम बंगाल सरकार ने जब इस घोटाले की जांच के लिए विशेष जांच दल गठित किया तो राजीव कुमार ही इसके मुखिया थे। मगर बाद में सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में चिट फंड के अन्य मामलों के साथ ही इस घोटाले को भी सीबीआइ को सौंप दिया था। राजीव कुमार के विधाननगर पुलिस आयुक्त के कार्यकाल के दौरान 2013 में सारधा चिट फंड घोटाला सामने आया था। बता दें कि इस मामले को लेकर सीएम ममता बनर्जी और केंद्र सरकार आमने-सामने हो गए थे।
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