तो क्या सच में 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' लिखकर संजय बारु ने मनमोहन सिंह से किया था विश्वासघात?
तो क्या सच में 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' लिखकर संजय बारु ने मनमोहन सिंह से किया था विश्वासघात?
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आप सभी जानते ही हैं कि 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' फिल्म का ट्रेलर सामने आ चुका है. ऐसे में इस फिल्म को 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' किताब के ऊपर बनाया गया है और इस किताब के लेखक हैं संजय बारु. जी हाँ, संजय बारु एक बार फिर सुर्ख़ियों में आ गये हैं क्योंकि उनकी लिखी किताब 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' पर फिल्म रिलीज होने वाली है. ऐसे में खबरें यह भी है कि इस फिल्म के कई हिस्सों पर विवाद छिड़ सकता है, हालांकि जब बारु ने 2014 से ठीक पहले अपनी किताब प्रकाशित की थी, तो इसकी टाइमिंग और कटेंट पर विवाद हुआ था और उस समय उनकी मंशा पर सवाल खड़े किए गए थे. अब एक बार फिर यह किताब फिल्म के रूप में सामने आ रही है तो भी विवाद छिड़ने की आशंका जताई जा रही है.

खबरों के अनुसार यह फिल्म साल 2019 के लोकसभा चुनावों के चंद महीनों पहले जारी हो रही है और इस फिल्म में अनुपम खेर और अक्षय खन्ना मुख्य भूमिकाओं में हैं. वहीं संजय बारू की बात करें तो वह एक जाने माने अर्थशास्त्री और पत्रकार थे लेकिन इस किताब को लिखने के बाद उनकी पहचान राजनीतिक लेखक के तौर पर ज्यादा हो गई. आप सभी को बता दें कि वह देश के जाने माने इकोनॉमिक अखबार 'द इकोनॉमिक टाइम्स' में एसोसिएट एडिटर रहे और बिजनेस स्टैंडर्ड में चीफ एडीटर भी रहे. आप सभी को यह तो पता ही होगा कि संजय बारु मई 2004 में तब बड़ी पोजिशन पर पहुंचे, जब उन्हें प्रधानमंत्री का मीडिया सलाहकार बनाया गया. जी हाँ, संजय बारूअगस्त 2008 तक इस पोजिशन पर काम करते रहे और इस दौरान उनकी नजर पीएमओ के कामकाज पर रही. उस समय वह तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ तमाम बातचीत और भेंट मुलाकात में शामिल होते थे और उस समय वह केवल मीडिया सलाहकार ही नहीं बल्कि वह पीएम के मुख्य प्रवक्ता भी थे.

जी हाँ, बताया जाता है कि उस पद से हटने के बाद संजय बारु ने किताब लिखनी शुरू की लेकिन उस समय उन्होंने इसकी भनक भी किसी को नहीं लगने दी. वहीं जब उनकी किताब बाजार में आने वाली थी, उसके कुछ दिन पहले ही लोगों को इस बात की खबर लगी कि यह किताब संजय बारु ने लिखी है. उस समय संजय बारू ने 'इंडियन एक्सप्रेस' को दिए इंटरव्यू में कहा कि ''किताब लिखने के लिए वो बहुत से लोगों से मिले. उन्होंने ये किताब लिखकर न तो किसी भी तरह की गोपनीयता तोड़ी और न ही कोई गलत काम किया है.'' इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि ''उन्हें तो जितना मालूम था, उसका 50 फीसदी ही उन्होंने लिखा है. तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जिस बात को गोपनीय बताया, उसे किताब से अलहदा ही रखा गया.''

आप सभी को यह भी बता दें कि संजय बारु के पिता बीपीआर विठल मनमोहन के मित्रों में थे और दोनों ने साथ में काम किया है. कहा जाता है संजय बारु को मनमोहन लंबे समय से जानते थे, इस वजह से वह संजय को भरोसे का शख्स मानते थे, इसी वजह से उन्होंने संजय को पीएमओ में मीडिया सलाहकार और मुख्य प्रवक्ता बना दिया था लेकिन बारु ने पिछले लोकसभा चुनावों से ठीक पहले उन पर किताब लिखकर न केवल कांग्रेस की किरकिरी की बल्कि मोदी लहर में योगदान भी दिया. वहीं उस समय किताब के प्रकाशन के बाद मनमोहन सिंह की बेटी उपिंदर सिंह ने इसे विश्वासघात बताया. वहीं इस आरोप के बाद संजय बारु लगातार ये कहते रहे हैं कि उनकी किताब 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' मनमोहन सिंह की सकारात्मक इमेज पेश करती है लेकिन उसके कुछ अंश खास विवादों में रहे हैं. 

 

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