'प्रवक्ता को सस्पेंड करने में दस दिन क्यों लगे?', PM मोदी से ओवैसी का सवाल
'प्रवक्ता को सस्पेंड करने में दस दिन क्यों लगे?', PM मोदी से ओवैसी का सवाल
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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने पैगम्बर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने निशाने पर लिया है। जी दरअसल हाल ही में उन्होंने कहा कि इसकी वजह से खाड़ी देशों में यह बड़ा मुद्दा बन गया है। इसी के उन्होंने पूछा कि आपने अपने प्रवक्ता के खिलाफ पहले कार्रवाई क्यों नहीं की। जी दरअसल ओवैसी का कहना है कि सऊदी अरब (Saudi Arab) ने अब तेल की कीमत 2 डॉलर से बढ़ाकर 6 डॉलर कर दी है। अगर अगर कल मिस्र, सऊदी अरब अपनी नीति बदलते हैं तो कौन जिम्मेदार होगा।

इसके अलावा उन्होंने यह भी पूछा कि पीएम मोदी (PM Narendra Modi) और उनकी सरकार को प्रवक्ता को सस्पेंड करने में दस दिन क्यों लगे। आप सभी को बता दें कि इस मामले में पाकिस्तान ने आज पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के दो नेताओं की विवादित टिप्पणियों के प्रति अपना विरोध दर्ज कराने के लिए भारतीय उच्चायोग के प्रभारी को तलब किया। वहीं विदेश कार्यालय (एफओ) ने एक बयान जारी कर बताया कि, 'भारतीय राजनयिक से कहा गया कि ये बयान पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं और इनके चलते न केवल पाकिस्तान के लोगों, बल्कि दुनियाभर के मुसलमानों की भावनाएं आहत हुई हैं।' इसी के साथ एफओ ने भारतीय राजनयिक को बताया कि, 'पाकिस्तान सरकार भारत में सत्तारूढ़ भाजपा के दो वरिष्ठ पदाधिकारियों के अत्यंत अपमानजनक बयानों की कड़ी निंदा करती है और इन्हें पूरी तरह से अस्वीकार करती है।'

इसके अलावा कहा गया है, ''भारतीय राजनयिक से कहा गया कि पाकिस्तान भाजपा सरकार द्वारा उक्त अधिकारियों के खिलाफ देर से और लापरवाह तरीके से अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की निंदा करता है। यह कार्रवाई मुसलमानों को पहुंची पीड़ा को कम नहीं कर सकती।'' आप सभी को बता दें कि नई दिल्ली में भाजपा ने पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए विवादित बयानों के लिए अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को रविवार को पार्टी से निलंबित कर दिया। इसी के साथ, दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को पार्टी नेतृत्व ने भाजपा से निष्कासित करने का फैसला लिया।

आप सभी को बता दें कि टिप्पणियों को लेकर मुस्लिम समुदाय के विरोध के बीच भाजपा ने एक तरह से दोनों नेताओं के बयानों से किनारा करते हुए कहा कि, 'वह सभी धर्मों का सम्मान करती है और उसे किसी भी धर्म के पूजनीय लोगों का अपमान स्वीकार्य नहीं है।' वहीं इस मामले में पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने कहा कि, 'पाकिस्तान भारत में मुसलमानों के खिलाफ चिंताजनक गति से बढ़ती सांप्रदायिक हिंसा और घृणा को लेकर बहुत चिंतित है।'

वहीं एफओ ने कहा, ‘मुस्लिम विरोधी निंदनीय भावना का मुख्यधारा में तेजी से आना और ओछे ऐतिहासिक दावों का हवाला देते हुए मुसलमानों को उनके सदियों पुराने पूजा स्थलों से वंचित करने के बढ़ते प्रयास भारतीय समाज में गहराई तक समाए हुए पूर्वाग्रह के स्पष्ट परिणामों के अलावा और कुछ नहीं हैं।’

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